आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार में देश की आर्मी कैंटीन्स में बेचे जाने वाले विदेशी सामानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने अपने फैसले में कहा है की आर्मी कैंटीन्स में अब कोई भी विदेशी इम्पोर्टेड सामान नहीं बेचा जा सकेगा। आर्मी कैंटीन्स में सबसे ज्यादा विदेशी शराब और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की डिमांड रहती है, लेकिन केंद्र सरकार के फैसले के तहत अब इनकी जगह देशी प्रोडक्ट्स और कंपनियां लेंगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 4 हजार आर्मी कैंटीन हैं जिनमें डिस्काउंट रेट्स पर सामान मिलता है। इसका फायदा वर्तमान और पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को मिलता है। आमतौर पर विदेशी शराब और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की डिमांड ज्यादा रहती है। सरकार के फैसले के बाद अब आर्मी कैंटीन में विदेशी सामान नहीं बेचा जा सकेगा जिनमें विदेशी शराब भी शामिल है। आर्मी कैंटीन देश की सबसे बड़ी रिटेल चेन्स में से एक है जिनमें हर साल करीब 200 करोड़ रुपए की बिक्री होती है।
ऑर्डर में फिलहाल उन सामानों यानि प्रोडक्ट्स की जानकारी नहीं दी गई है, जिनके आयात पर बैन लगाया जाएगा। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इसमें विदेशी शराब शामिल है। कैंटीन में बिकने वाले सामानों में करीब 7% प्रोडक्ट्स इम्पोर्टेड होते हैं जिनमें चीन से आयात किए जाने वाले सामान जैसे डाइपर्स, वैक्यूम क्लीनर, हैंडबैग और लैपटॉप शामिल हैं। विदेशी शराब सप्लाई करने वाली दो कंपनियों को जून से ही ऑर्डर मिलने कम हो गए थे।
आपको बता दें की, इसके पहले भी रक्षा मंत्रालय ने सेना में इस्तेमाल होने वाले कई हथियारों के आयात पर पाबंदी लगाई थी। कोरोना वायरस की इस महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का मंत्र अपनाया था जिसे आत्मनिर्भर भारत का दिया गया था।