पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले (Babri Mosque case) में बुधवार को सभी 32 अभियुक्तों को बरी किये जाने की कड़ी निंदा की है. भारत की एक अदालत द्वारा दिये गये फैसले को पाकिस्तानी मीडिया (Pakistan Media) ने प्रमुखता के साथ कवरेज दी है. इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इसकी निंदा की और कहा कि ऐतिहासिक मस्जिद को ढहाये जाने के लिए जिम्मेदार लोगों को ‘शर्मनाक तरीके से बरी’ कर दिया गया.
बता दें कि यह मामला अयोध्या में छह दिसम्बर, 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ा है. इस मामले के बाद पूरे भारत में हुए सांप्रदायिक दंगों में लगभग दो हजार लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा, ‘पाकिस्तान, भारत सरकार से अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों और उनके प्रार्थना स्थलों की रक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता है.’ पहले भी भारत ने पाकिस्तान के इस तरह के बयानों को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करें.
उधर पाकिस्तान में कोविड-19 की वजह से करीब छह महीने बंद रहे सभी शैक्षणिक संस्थान बुधवार को फिर खुल गए. देश में संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. निजी और सरकारी दोनों स्कूल कई पाबंदियों के साथ खोले गए हैं और अधिकारियों से कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने को कहा गया है. संघीय शिक्षा मंत्री शफ्कत महमूद ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में सबसे अधिक छात्र आए और संस्थानों के बंद होने के कारण उन्हें सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा था. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की स्थिति का व्यापक रूप से विश्लेषण करने के बाद ही सभी शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का निर्णय किया गया. महमूद ने पत्रकारों से कहा, ‘प्रथम चरण के तहत शिक्षा संस्थानों के 15 सितम्बर को दोबारा खुलने के बाद से कोरोनो वायरस के 1,71,436 परीक्षण किए गए, जिनमें शिक्षण संस्थानों में केवल एक प्रतिशत संक्रमण पाया गया.’