उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह भौंती क्षेत्र के पास पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने पत्रकारों को बताया कि विकास को गुरूवार को उज्जैन के महाकाल क्षेत्र में गुरूवार को गिरफ्तार किया गया था। उसे ट्रांजिट रिमांड पर सुरक्षा बल कानपुर लेकर आ रहे थे कि भौंती क्षेत्र के पास वाहन पलट गया जिससे पुलिस और एसटीएफ के चार जवान घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि जवानो के घायल होते ही विकास ने एक जवान की पिस्टल लेकर भागने का प्रयास किया। पुलिस टीम ने उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने के लिये कहा लेकिन वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जबाबी फायरिंग की गई जिसमें विकास घायल हो गया। उसे लाला लाजपत राय अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। जब पुलिस उसे गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा रही थी, तब उसने चिल्लाकर बताया था कि मैं विकास दुबे कानपुर वाला हूं।पुलिस कानपुर एनकाउंटर मामले के बाद से ही फरार चल रहे इस कुख्यात आरोपी की तलाश में जुटी थी।गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे लगातार पूछताछ की। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान गैंगस्टर ने कई बड़े खुलासे भी किए। कानपुर एनकाउंट वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर उज्जैन पहुंचा था।
विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले गुरुवार सुबह दुबे के दो करीबियों रणबीर शुक्ला और प्रभात मिश्रा को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। प्रभात मिश्रा को पुलिस ने फरीदाबाद के होटल से गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि प्रभात पुलिस की कस्टडी से भाग रहा था। इसके बाद एनकाउंटर में प्रभात को मार गिराया गया।
गौरतलब है कि कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों से मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्र समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। तभी से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी।