देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माने जाने अन्नदाता यानी की किसान की भलाई के लिए प्रधानमंत्री मोदी की अब तक आपने महज तकरीरें ही सुनी होगी। विपक्षी दलों को भी 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लिए पीेएम मोदी का मखोला उड़ाते हुए देखा जा सकता है। लेकिन अब पीएम मोदी देश के किसानों की भलाई के लिए वो करने जा रहे हैं, जो अब तक किसानों के लिए नहीं किया है। आज तक आजाद भारत में किसानों के हित के लिए किसी ने भी ऐसा कदम नहीं उठाया है।
बता दें कि पीएम मोदी कि किसानों को उनके फसलों का वाजिब कीमत दिलाने के लिए अब एशेंसियल कमोडिटी एक्ट (Essential Commodities Act amended) में बदलाव करने जा रहे हैं। इस बदलाव को लेकर सहमति बन चुकी है। इस अधिनियम को संशोधन की मंजूरी मिल चुकी है। इस संशोधन के बाद किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा। हालांकि इस संदर्भ में पीएम मोदी शाम 4 बजे प्रेस वार्ता करने जा रहे हैं। इस अधिनयम में बदलाव के लिए अब अध्यादेश लाया जाएगा।
मालूम हो कि इससे पहले खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था में रफ्तार भरने के लिए अपने 20 लाख करोड़ के पैकेज में एग्रीकल्चर रिफॉर्म में सुधार का ऐलान किया है। इस संशोधन से पहले किसानों को अपनी फसलों को बेचने के लिए मजबूरी में APMC का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब इस संशोधन के बाद इस मजबूरी को खत्म कर दिया गया है। इससे किसानों को उनके फसलों की वाजिब कीमत मिलने में सहायता मिलेगी।
आखिर क्या है एशेंसियल कमोडिटी एक्ट?
इस अधिनियम के अंतर्गत जो वस्तुएं आती है। सरकार उसकी कीमत, बिक्री और आपूर्ति को नियंत्रित करती है। यहां तक उनका एमआरपी खुदरा मूल्य भी खुद ही तय करती है। अब ऐसे में कुछ वस्तुएं अनिवार्य होती है, जो जीवनयापन के लिए अतिआवश्यक होती है। ऐसी वस्तुओं को ऐसी सूची में शामिल किया जाता है। अब ऐसी स्थिति में जब सरकार को ऐसा मालूम पड़ता है कि वस्तु की आपूर्ति बाजार में मांग की तुलना में काफी कम है, तो ऐसी स्थिति में इन वस्तुओं की कीमत अत्याधिक बढ़ती है, तो सरकार एक निश्चित समय के लिए इस एक्ट को लागू कर देती है