बुधवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतों ने एक नया ऐतिहासिक स्तर छू लिया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल डिलीवरी के लिए सोने का भाव 88,890 रुपये प्रति 10 ग्राम के all time high स्तर पर पहुंच गया।
मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशकों का झुकाव सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ा है। इस उछाल का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दिखाई दे रहा है, जहां सोना अब तक के उच्चतम स्तरों के करीब कारोबार कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने का दबदबा
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें 3,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर बनी हुई हैं।
- मंगलवार को सोने ने 3,038.26 डॉलर प्रति औंस का रिकॉर्ड स्तर छुआ।
- बुधवार को हाजिर सोना 3,029.70 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा, जबकि यूएस गोल्ड वायदा 0.1% गिरकर 3,037.50 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
मध्य पूर्व में तनाव और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के चलते बुलियन की मांग में तेजी आई है। साथ ही, निवेशक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसले का भी इंतजार कर रहे हैं।
निवेशकों की चिंता: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों और उनके संभावित आर्थिक प्रभावों को लेकर निवेशकों में चिंता बढ़ रही है।
- टैरिफ बढ़ने से महंगाई और आर्थिक मंदी के जोखिम बढ़ सकते हैं, जिससे निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
- बाजार की नजर अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आर्थिक दृष्टिकोण पर है।
हालांकि, जानकारों को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व फिलहाल ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन ट्रम्प प्रशासन की नीतियों का प्रभाव आने वाले महीनों में दिख सकता है।