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हरियाणा में अब गवाह बिना कोर्ट गए दे सकेंगे बयान, हरियाणा सरकार ने बनाया ये खास प्लान

 हरियाणा सरकार ने राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। राज्य में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना-2025 शुरू की गई। गवाहों का आरोपियों से आमना-सामना नहीं होगा। गवाह बिना कोर्ट गए बयान दर्ज करा सकेंगे। गृह विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रदेश की होम सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह योजना मृत्यु या आजीवन कारावास, सात वर्ष या उससे अधिक के कारावास के मामलों पर लागू होगी। यह योजना उन अपराधों के गवाहों पर लागू होगी, जो मृत्यु या आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक के कारावास की सजा भुगत रहे हैं।

योजना के तहत धमकी की आशंका के आधार पर गवाहों को तीन श्रेणियों (कैटेगरी) में बांटा है। ‘ए’ कैटेगरी में उन मामलों को शामिल किया है, जहां जांच व परीक्षण के दौरान या इसके बाद गवाह या उनके परिवार के सदस्यों को खतरा हो।‘बी’ कैटेगरी में ये मामले आएंगे, जिनमें गवाह या उसके परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति का खतरा हो। इसी तरह ‘सी’ कैटेगरी में वे मामले आएंगे, जिनमें धमकी मध्यम है। जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके पारिवारिक सदस्यों का शोषण, उत्पीड़न, प्रतिष्ठा या संपत्ति प्रभावित होने का डर हो। नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि जांच या सुनवाई के दौरान गवाह और आरोपी आमने-सामने नहीं आएंगे।

नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि जांच या सुनवाई के दौरान गवाह और आरोपी आमने-सामने नहीं आएंगे। साक्षी संरक्षण योजना के तहत गवाहों के ईमेल व टेलीफोन कॉल की निगरानी करनी होगी। टेलीफोन नंबर से लोकेशन ट्रेस होने के खतरे के मद्देनजर गवाह का टेलीफोन नंबर बदलने या कोई अनलिस्टेड नंबर देने के लिए टेलीफोन कंपनियों के साथ टाईअप करने का काम भी सरकार का होगा। गवाह के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्य और साक्षी के करीबी व्यक्तियों (जिन्हें खतरा हो) को घर और कार्यस्थल पर सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। इनमें दरवाजे, सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ आदि लगाना शामिल है। जरूरत पड़ने पर गवाह को व्यक्ति सुरक्षा, अंगरक्षक और पीसीआर वैन की नियमित गश्त का प्रबंध करना होगा।