वेस्ट अफ्रीका के देश नाइजीरिया में गरीबी ने लोगों को घेर लिया है. हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई जो बताती है कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए इंसान कितना मजबूर हो जाता है. हाल ही में नाइजीरिया में क्रिसमस के मौके पर तीन इलाकों में डोनेशन ड्राइव चलाई जा रही थी, इस ड्राइव में बांटे जा रहे कपड़े और खाना लेने के लिए लोगों के बीच भगदड़ मच गई. डोनेशन ड्राइव में कपड़े बांटे जा रहे थे और उन्हें हासिल करने के लिए इतनी बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए कि भगदड़ मच गई और 67 लोगों की मौत हो गई. इन हादसों में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई.
क्रिसमस के मौके पर तीन जगहों पर डोनेशन ड्राइव चल रही थी. ओयो , अनंबरा और राजधानी अबुजा. बुधवार को ओयो में ड्राइव चलाई गई जिसमें 35 बच्चों की मौत हुई. इस के बाद शनिवार को अनंबरा में हुई ड्राइव में 22 लोगों की मौत हुई और राजधानी अबुजा में 10 लोगों की मौत दर्ज की गई. अबुजा में 1,000 से ज्यादा लोग डोनेशन ड्राइव में कपड़े और खाना हासिल करने के लिए चर्च में इकट्ठा हुए थे.
अबूजा में कुछ लोगों ठंड में भी रात भर चर्च के बाहर सूबह होने वाले डोनेशन ड्राइव में कपड़े और खाना हासिल करने के लिए खड़े रहे. साथ ही अबूजा में डोनेशन ड्राइव शुरू होने से पहले ही लोगों में भगदड़ मच गई. हर कोई लाइन में सबसे आगे खड़ा होना चाहता था. इसी के चलते धक्का-मुक्की हुई और भगदड़ मच गई. अबुजा में, चर्च को फिर डोनेशन ड्राइव रद्द करनी पड़ी और खाने का सामान, चावल के बैग और कपड़े अंदर ही रखे रह गए.
गरीबी की वजह से अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश में लोग डोनेशन में दिए जाने वाले कपड़े और खाने के लिए लाइन लगा रहे हैं. देश में महंगाई 28 साल का रिकॉर्ड तोड़ रही है और उच्चतम स्तर पर है. अबूजा शहर में डोनेशन ड्राइव में भगदड़ के बाद एक महिला ने रोते हुए कहा, नाइजीरिया में भूखमरी है. हर नाइजीरिया के नागरिक को खाने के लिए खाना चाहिए.
हालांकि, इन सब हालातों के लिए और आर्थिक संकट के लिए पैसा बचाने और निवेशकों को आकर्षित करने की सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जिसने महंगाई दर को 28 साल के उच्चतम स्तर 34.6 प्रतिशत पर पहुंचाने में योगदान दिया है. इस बीच देश की मुद्रा, नायरा मुद्रा डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर है.
सरकार के सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, नाइजीरिया की 210 मिलियन से अधिक आबादी में से कम से कम 63 प्रतिशत गरीब हैं. देश में बेरोजगारी और नौकरियों की कमी है. साथ ही जब लोग बेरोजगारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर इकट्ठा होते हैं तो सुरक्षा बल तुरंत उन पर कार्रवाई करते हैं. अगस्त में, राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों ने 20 से अधिक लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.