पंजाब सरकार द्वारा बनाई जा रही कृषि नीति को लेकर उगराहां संगठन के साथ आज अहम बैठक हुई। इस बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने पंजाब सरकार के सामने कुछ सुझाव रखे हैं, जिसमें उन्होंने मांग की है कि धान का रकबा कम करने के सुझावों के साथ-साथ किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाए। किसानों और मजदूरों को 58 वर्ष की आयु पर 10,000 रुपए की निश्चित मासिक पेंशन दी जाए। किसानों की फसल में आढ़तियों की मध्यस्थता खत्म की जाए और सरकार सीधे किसानों से फसल खरीदे। मनरेगा के तहत परिवार के जितने भी बालिग सदस्य है, सभी को साल भर काम दिया जाएं। कृषि में जितनी भी अनावश्यक मशीनरी आई, जिसने किसान मजदूरों का उजाड़ा किया है, को खत्म किया जाएं।
पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता जुगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि हमने पंजाब सरकार के सामने अपने सुझाव रख दिए हैं, अगला फैसला सरकार को लेना है। उन्होंने कहा कि पहले मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष करना होगा और फिर उन्हें लागू कराने के लिए। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि किसान मजदूरों को कर्ज से मुक्ति दिलाई जाए।
कृषि मंत्री ने क्या कहा?
किसानों के साथ बैठक के बाद पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने पंजाब भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी किसान नेताओं के साथ सहज माहौल में बातचीत हुई, जिसमें कृषि नीति से जुड़े सुझावों और विचारों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के बाद पंचायत चुनाव के बाद और सुझावों पर चर्चा की जाएगी ताकि कृषि नीति को अंतिम रूप दिया जा सके।