मनी लॉड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को जमानत (Bail) दे दी। कोर्ट ने उनकी बीमारी को आधार मानते हुए जमानत मंजूर की। मलिक ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा किडनी रोग से पीड़ित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह राहत उनकी नियमित जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश आने तक बनी रहेगी।
मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 13 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें चिकित्सा के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि उन्हें विशेष चिकित्सा सहायता मिल रही है और उनके स्वास्थ्य अधिकार या जीवन अधिकार का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं किया रहा है।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने कुछ महीने पहले उनको अंतरिम जमानत दी थी। इसे बाद में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। इसके बाद मलिक ने कोर्ट से बीमारी के आधार पर जमानत देने की मांग की थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उनकी जमानत याचिका मंजूर की। वहीं ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम चिकित्सा जमानत को स्थायी बनाया जा सकता है।