हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी (Haryana Congress) की अंदरूनी कलह फिर से जगजाहिर हो रही है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा कांग्रेस पार्टी पर गुटबाजी हावी होने लगी है. एक तरफ जहां कांग्रेस महासचिव और सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद कुमारी शैलजा पदयात्रा निकालने की तैयारी कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा ने भी ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ यात्रा का आगाज कर दिया.
खास बात यह है कि दोनों यात्राओं की घोषणा में महज 3 दिन का अंतर है. हालांकि हरियाणा कांग्रेस में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले जनवरी महीने में भी हरियाणा कांग्रेस एक समय में दो अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हैं, जिसकी अगुवाई शैलजा और हुड्डा कर रहे थे.
खेमों में बंटी कांग्रेस
कुमारी शैलजा ने 7 जुलाई को पदयात्रा निकालने का ऐलान किया था तो वहीं, हुड्डा ने 11 जुलाई को चंडीगढ़ से यात्रा की घोषणा की. कुमारी शैलजा की यात्रा का फोकस जहां शहरी क्षेत्रों पर था तो वहीं, हुड्डा की यात्रा आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचने पर था. खास बात यह है कि प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया और पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा ने साथ मिलकर ही ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ यात्रा की घोषणा की थी.
हाईकमान का समर्थन किसे?
मीडिया के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, हुड्डा की अगुवाई में शुरू हुई यात्रा में चुनाव के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं. इस यात्रा के जरिए हरियाणा की बीजेपी सरकार को बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और मंहगाई जैसे मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई गई है. हालांकि अभी तक शैलजा की यात्रा को पार्टी से खास समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है.
हाईकमान के एकजुटता के निर्देश
ख़बरें ये भी आ रही है कि कांग्रेस हाईकमान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हरियाणा में कांग्रेस नेताओं को एकजुटता का संदेश देना होगा. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शैलजा की पदयात्रा को राज्य में एक और पावर सेंटर बनने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, दीपेंद्र हुड्डा की इस यात्रा के पूरा होते ही भुपेंद्र हुड्डा और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान 20 अगस्त के बाद रथयात्रा की शुरुआत करेंगे.