अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर (Ramlala Temple) के निर्माण के साथ ही उसकी सुरक्षा को लेकर भी तैयारियां जोरों से चल रही हैं। राम मंदिर की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था (security system) के लिए आजमगढ़ में कंमाडो (Commando) तैयार किए जा रहे हैं। आधुनिक हथियार चलाने के साथ ही ये किसी भी तरह की परिस्थितियों से भी निपटने में सक्षम होंगे।
अपर पुलिस महानिदेशक एलवी एंटनी देव कुमार के निर्देशन में 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ में राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 150 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेष सुरक्षा बल (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के गठन के लिए पुलिस और पीएसी से 75-75 जवानों का चयन किया गया है। इनमें उन जवानों को ही शामिल किया गया है, जिन्हें भर्ती हुए अभी दो से तीन साल ही हुए हैं।
ज्यादातर जवान 2019 बैच के हैं। किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षण निदेशालय की तरफ से नियुक्त ट्रेनर इन्हें हर दिन प्रशिक्षित कर रहे हैं। कुल 90 का प्रशिक्षण दिया जाना है। अब तक एक माह की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। प्रशिक्षण को चार चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में निदेशालय की तरफ से नियुक्त ट्रेनर इन्हें तैयार करेंगे।
फिर एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) के विशेषज्ञ आपदा की स्थिति से निपटने और त्वरित रिस्पांस के लिए तैयार करेंगे। इसके बाद यूपी सरकार की सुरक्षा शाखा की तरफ से वीवीआईपी सुरक्षा को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। सबसे अंत में एटीएस (आतंक निरोधक दस्ता) की तरफ से इन जवानों को ट्रेंड किया जाएगा। एटीएस के अफसर इन्हें अत्याधुनिक हथियार चलाने के साथ ही किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों से निपटने के गुर सिखाएंगे।
जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा तैनात
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। जनवरी तक इसे पूरा करने के साथ ही आम लोगों के लिए खोले जाने की बात सरकार की तरफ से भी कही जा चुकी है। ऐसे में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन कमांडो को जनवरी के अंतिम सप्ताह तक राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर दिया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर एयरपोर्ट, लोकभवन में भी होगी तैनाती
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स में शामिल जवानों को राममंदिर के अलावा अन्य जरूरी जगहों पर भी तैनात किया जा सकता है। कानपुर मेट्रो, लखनऊ मेट्रो, नोएडा मेट्रो, कुशीनगर एयरपोर्ट, गोरखपुर एयरपोर्ट, प्रयागराज एयरपोर्ट, हिंडन एयरपोर्ट, बरेली एयरपोर्ट, लोकभवन तथा आरआरटीएस (रैपिड रेल) की सुरक्षा जरूरतों के मुताबिक उनकी तैनाती की जा सकेगी।