जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के रियासी जिले में चिनाब नदी (Chenab River) पर दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल (tallest rail bridge in the world) संपर्क के दो सिरों को जोड़ने का काम (गोल्डन जॉइंट) (golden joint) पूरा हो गया। पुल का निर्माण 28,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया जा रहा है। यह 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल रेलवे खंड को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके लिए हिमालय की पहाड़ियों का खनन किया जा रहा है। इसमें 97 किमी टनलिंग परियोजना के लिए की जानी है और अब तक लगभग 86 किमी टनलिंग का काम पूरा हो चुका है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना (Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link (USBRL) Project) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेंद्र माही ने ‘गोल्डन जॉइंट’ को एक बड़ा मील का पत्थर बताया और कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी यूएसबीआरएल परियोजना का एक हिस्सा दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का ओवरआर्क डेक ‘गोल्डन जॉइंट’ के साथ पूरा हो गया है तथा ट्रेनों के लिए ट्रैक बिछाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
अब ट्रैक बिछाने का काम होगा शुरू
उन्होंने कहा, ‘गोल्डन जॉइंट’ प्रक्रिया में पुल के दोनों सिरों को जोड़ लिया गया और पुल लगभग पूरा हो गया है। डेक पूरा होने के बाद ट्रैक बिछाने का काम और परीक्षण बहुत जल्द शुरू हो जाएगा, जिससे ट्रेनों के चलने का एक नया अध्याय शुरू हो जायेगा। कोंकण रेलवे के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है और ‘गोल्डन जॉइंट’ शब्द सिविल इंजीनियरों द्वारा गढ़ा गया है।
28,660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल
गुप्ता ने बताया कि चिनाब नदी पर बने इस पुल के पाए 266 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति को झेलने में सक्षम है और इनका वजन 10,619 टन है। इस परियोजना के निर्माण में स्थानीय गांवों के लिए 26 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण, 1,486 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से लगभग 28,660 मीट्रिक टन स्टील का निर्माण और 80 प्रतिशत से अधिक निर्माण कौरी, बक्कल और सुरंडी में साइट कार्यशालाओं में किया गया है।
माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक सुरक्षित
संरचना में इस्तेमाल स्टील माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के लिए उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि पुल का न्यूनतम जीवनकाल 120 वर्ष होगा और इसे 100 किमी की गति से ट्रेनों के लिए बनाया जा रहा है। यह ब्रिज ब्लास्ट लोड और भीषण भूकंप को झेलने की क्षमता रखता है। पुल में 93 डेक खंड हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन लगभग 85 टन है।
किसे मिला है निर्माण का जिम्मा?
उत्तर रेलवे ने प्रतष्ठिति चिनाब ब्रिज के निर्माण का जिम्मा कोंकण रेलवे को एक कार्यकारी एजेंसी के रूप में सौंपा है। पुल का मुख्य मेहराब 467 मीटर रैखिक लंबाई (घुमावदार लंबाई 550 मीटर) है, जो शक्तिशाली चिनाब नदी के पार डोलोमाइट चूना पत्थर की पहाड़ी पर दो विशाल नींव पर टिकी हुई है।