केंद्र सरकार द्वारा पोषित रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर योजना के तहत प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति की बाधाओं को दूर करने और लाइन हानियों को कम करने के लिए 16498 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इस धनराशि से उपभोक्ताओं के परिसर में आर्मड केबिलिंग, 33केवी और 11केवी के जर्जर तारों को बदलने, एलटी लाइन को एबीसी लाइन में बदलने तथा कृषि फीडरों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है।
राज्य में 117910 किमी. एलटी लाइन को एबीसी केबिल में बदला जाएगा
उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रमुख सचिव ऊर्जा एम. देवराज ने बताया है कि योजना के तहत बिजली की लाइन हानियां कम करने के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को 4543.78 करोड़, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को 4165.32 करोड़, दक्षिणांचल के लिए 3771.57 करोड़, पश्चिमांचल के लिए 3403.01 करोड़ तथा केस्को कानपुर के लिए 614.93 करोड़ स्वीकृत किया गया है। सभी डिस्कामों में 117910 किमी. पुराने केबिल को एबीसी केबिल में बदलने का काम भी किया जाएगा। इस काम के पूरा होने पर राज्य में बिजली चोरी पर अंकुश लगने के साथ ही उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली की आपूर्ति आसान हो जाएगी।
तीन साल में उपभोक्ताओं के घर लग जाएगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर
उन्होंने बताया है कि इस योजना के तहत उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्री-पेड मीटरिंग, परिवर्तकों पर डीटी मीटरिंग, 11 केवी फीडर मीटरिंग का कार्य भी किया जाना है। स्मार्ट प्री-पेड मीटरिंग के तहत पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल तथा केस्को कानपुर के लिए क्रमशः 7327988 नग, 7528737 नग, 5354069 नग, 6143261 नग और 62500 नग स्मार्ट मीटर लागाया जाना है। अगले तीन साल में सभी डिस्कामों में तय लक्ष्य के मुताबिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिए जाएंगे।