पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीरभूम हिंसा (Birbhum violence) के बाद कटघरे में खड़ी ममता बनर्जी सरकार (mamta banerjee government) ने राज्य भर में विशेष सफाई अभियान (special cleaning drive) चलाने का आदेश दिया है। 10 दिनों तक चलने वाले इस सफाई अभियान में पुलिस को राज्य भर में अवैध हथियारों और गोला-बारूद (Illegal arms and ammunition) का पर्दाफाश करने का निर्देश दिया। बीरभूम में हिंसा के बाद राज्य के सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बीरभूम जिले के बोगतुई गांव का दौरा किया, जहां मंगलवार को आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था। मुख्यमंत्री ने बोगतुई में मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात की और बातचीत की। मृतकों के शवों की पोस्टमार्टम जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत आठ लोगों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था।
रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के करीब एक दर्जन मकानों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की जलकर मौत हो गई। यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने कथित रूप से लापरवाही बरतने के आरोप में कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन हत्याओं को जघन्य अपराध करार देते हुए कहा है कि दोषियों को माफ नहीं किया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।