चीन ने 90 लाख की आबादी वाले पूर्वोत्तर शहर चांगचुन में लॉकडाउन (Changchun Lockdown) लगाने का आदेश दिया है। चांगचुन शहर में कोरोना के सिर्फ दो मामले (Changchun Covid Cases) मिले हैं। इसके बावजूद 90 लाख लोगों को घरों में कैद करने का फैसला चीन (Covid-19 Cases in China) के सख्ती के स्तर को दिखाता है।
प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वे केवल अति आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकले। इस बीच सरकारी टीमों ने पूरे शहर में बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्टिंग भी शुरू की है। संक्रमित पाए जाने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है। चीन ने राजधानी बीजिंग समेत कई दूसरे बड़े शहरों में भी निगरानी के स्तर को बढ़ा दिया है।
लोगों को घरों में रहना होगा कैद
लॉकडाउन के दौरान चांगचुन शहर के निवासियों को घर पर ही रहना होगा और तीन दौर की सामूहिक जांच से गुजरना होगा। वहीं, सभी गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया गया है और ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी को भी अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। चीन को डर है कि इस शहर में लॉकडाउन नहीं लगाया जाता है तो देश के बाकी हिस्सों में भी कोरोना फैलने का खतरा बना रहेगा।
90 लाख की आबादी में कोरोना के सिर्फ 2 केस
चीन में शुक्रवार को देशभर में स्थानीय ट्रांसमिशन के 397 नए मामले आए थे। इममें से 98 मामले जिलिन प्रांत में मिले थे। चांगचुन शहर के भीतर केवल दो मामले सामने आये। हालांकि, अधिकारियों ने महामारी के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की चीन की नीति के तहत एक या अधिक मामले वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाने का संकल्प लिया है।
चीनी वैक्सीन के असर को लेकर उठ रहे सवाल
चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों से उसकी वैक्सीन पर सवाल उठ रहे हैं। जिस-जिस देश में चीन की कोरोना वैक्सीन लगाई गई है, वहां कोरोना के मामले पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं। डेटा से पता चला है कि चीनी वैक्सीन कोरोना के नए वेरिएंट्स को रोकने में प्रभावी साबित नहीं हो रही है। विशेषज्ञों ने कहा है कि किसी भी देश में कोरोना के मामले इस बात पर निर्भर करते हैं कि वह देश अपने नागरिकों को कौन सी वैक्सीन लगवा रहा है।