लंदन के प्रतिष्ठित विज्ञान संग्रहालय के दो ट्रस्टियों ने अडानी ग्रुप की एक कंपनी को प्रायोजक (स्पॉन्सर) बनाये जाने के बाद इस्तीफा दे दिया है. लंदन के साइंस म्यूजियम ग्रीन एनर्जी पर एक गैलरी खोलने की घोषणा की है. ये नई गैलरी उन कॉन्सेप्ट को बताएगी जिसमें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए दुनिया को परंपरागत ऊर्जा से हरित ऊर्जा की ओर शिफ्ट होने के तरीके को बताया जाएगा. इस गैलरी में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को टाइटल स्पॉन्सर बनाया गया है. इस फैसले का साइंस म्यूजियम के दो ट्रस्टियों ने विरोध किया है और अपना इस्तीफा दे दिया है. इनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है.
बता दें कि अडानी को टाइटल स्पॉन्सर बनाने की घोषणा इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की उपस्थिति में संग्रहालय में आयोजित वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी. साइंस म्यूजियम बोर्ड सार्वजनिक निकाय है जो ब्रिटेन सरकार की संस्कृति, मीडिया और खेल विभाग से फंड प्राप्त करता है लेकिन स्वतंत्र रूप से संचालित होता है. इस्तीफा देने वाले दो ट्रस्टियों में एक हैं डॉ. हन्ना फ्राई. हन्ना यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. डॉ. हन्ना फ्राई ने कहा कि मैं अडानी के साथ हाल ही में हुए समझौते का समर्थन नहीं करती हूं. जबकि इस्तीफा देने वाले दूसरे ट्रस्टी हैं डॉ. जो फोस्टर. वह यूके स्थित चैरिटी इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन स्कूल्स के निदेशक हैं.
साइंस म्यूजियम ग्रुप बोर्ड की अध्यक्ष डेम मैरी आर्चर ने दोनों के इस्तीफे स्वीकार कर लिये हैं. उन्होंने कहा कि हमने डॉ. हन्ना फ्राई और डॉ. जो फोस्टर के इस्तीफे शनिवार को स्वीकार किए थे. वहीं, साइंस म्यूजियम बोर्ड ने कहा कि वे दोनों ही ट्रस्टियों के पद छोड़ने के निर्णय का पूरी तरह से सम्मान करते हैं. इस महीने की शुरुआत में, विज्ञान संग्रहालय में अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा था कि अगले दशक में, ऊर्जा और उपयोगिता व्यवसाय में अडानी पोर्टफोलियो कंपनियां अक्षय ऊर्जा उत्पादन और समग्र आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक निवेश में 20 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेंगी.