कई बार सुरक्षा या किसी चीज को लेकर दी जा रही चेतावनी को लोग हल्के में लेते है, उन पर कोई अमल नहीं करते | लेकिन फिर जब कोई घटना घटित होती है, तो उस पर लोगो का ध्यान जाता है | बता दे कोरोना वायरस को लेकर भी ऐसा ही हुआ है |
विश्व प्रसिद्ध मैगज़ीन द अटलांटिक में छपी रिपोर्ट के अनुसार Clinical Microbiology Reviews की 2007 की रिपोर्ट में ही वैज्ञानिको ने कोरोना वायरस को लेकर आगाह किया था | वैज्ञानिको ने कोरोना को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि चीन में एक टाइम बम है |
Clinical Microbiology Reviews की 2007 की रिपोर्ट में छपा था कि चीन के एक चमगादड़ की प्रजाति में SARS -CoV जैसा एक वायरस मौजूद है | चीन में ऐसे जानवरो को खाने का प्रचलन है, ऐसे में ये एक टाइम बम है |
बता दे इस रिपोर्ट के छपने के 5 साल पहले ही SARS वायरस भयानक तबाही मचा चूका था | बता दे 2002 में SARS वायरस ने दुनियाभर में खूब तबाही मचाई थी | उस समय दुनियाभर में करीब 800 लोग इस वायरस से मरे थे |
जानकारी के लिए बता दे इस समय दुनिया में फैले वायरस का नाम SARS -Cov 2 है या covid -19 है | साल 2007 में छपी वह रिपोर्ट एक मात्रा चेतवानी नहीं थी | इसके बाद भी वैज्ञानिको ने दुनिया को चेतवानी देने की कोशिश की थी | बता दे कोरोना वायरस की फैमिली पर 1980 से रिसर्च चल रहा है | रिसर्चरस का कहना है कि उन्हें पहले से ही इस वायरस के फैलने की आशंका थी |