चीन और भारत के रिश्ते इन दिनों सामान्य नहीं है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव देखने को मिल रहा है लेकिन इसी बीच सोमवार को इसी तनाव ने हिंसक रुप ले लिया। सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई। जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। तो वहीं चीन को भी इस झड़प से काफी नुकसान हुआ है। दावा किया गया है कि चीन ने 43 सैनिक इस घटना में हताहत हुए है। वहीं इस झड़प के बाद बुधवार सुबह LAC पर एक बार फिर चीनी हेलिकॉप्टर को देखा गया। दरअसल बताया जा रहा है कि चीनी हेलिकॉप्टर अपने मृत जवान और घायल सैनिकों को लेने आ रहे आए है।
कैसे हुई झड़प
बता दें कि सोमवार रात गलवान घाटी पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। जानकारी के मुताबिक, PLA के सैनिकों के टेंट की पॉजिशन कोड-पट्रोल पॉइंट 14 के पास लगाया गया था और वास्तव में ये पूरा इलाका वास्तिवक नियंत्रण रेखा के भारतीय पक्ष के अंदर आता है। जिसे हटाने के लिए ही भारतीय जवानों ने कार्रवाई की थी लेकिन इस कार्रवाई का जवाब देते हुए पीएलए के सैनिकों ने धोके से भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। जिसके बाद दोनों सैनिकों के बीच झड़प शुरू हो गई। वहीं इस घटना के बाद भारतीय सेना ने जानकारी देते हुए कहा कि 15 जून की रात गलवान घाटी इलाके में हिंसक झड़प हुई थी जिसमे भारत के 20 जवान शहीद हो गए।
बैठकों का दौर हुआ शुरू
इस झड़प के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी चीन से सख्त लहजे में नसीहत दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने हमेशा ही LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा ही करना चाहिए। LAC पर सोमवार की रात जो भी कुछ हुआ। उससे बचा जा सकता है लेकिन अब देनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में दोनों देशों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि इस झड़प के बाद दिल्ली में बैठके भी शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे की एक अहम बैठक हुई। इस बैठक की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी दी गई। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी पीएम मोदी से देर रात मुलाकात की। जिसके बाद सीसीएस की बैठक पीएम आवास पर हुई।