स्वपना सुरेश नाम की महिला ने 15 करोड़ रुपए के सोने की स्मगलिंग का ऐसा खेल खेला की सुब हैरान रह गया। खबर के अनुसार इस समय केरल और संयुक्त अरब अमीरात की सरकार हिली हुई है। क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात से पीली धातु की स्मगलिंग अक्सर होती आई है, लेकिन ये मामला छोटा नहीं है। इसमें शामिल है तिरुवनंतपुरम में स्थित यूएई का काउंसलेट जनरल ऑफिस। सोना आया भी तो डिप्लोमैटिक कार्गो में, जिसकी एयरपोर्ट पर कस्टम जांच नहीं होती।
एक मिडिया चैनल की खबर के मुताबिक केरल में मुख्यमंत्री ने अपने प्रिंसिपल सेक्रेटरी एम. शिवशंकर को इस मामले को लेकर पद से हटा दिया। क्योंकि यूएई के काउंसलेट जनरल ऑफिस में बैठकर सोने की स्मगलिंग का रैकेट चलाने वाली सीनियर ऑफिसर स्वपना सुरेश (Swapna Suresh) है। बताया जा रहा है कि वो काउंसलेट जनरल ऑफिस में बतौर एक्जीक्यूटिव जनरल काम करती है। पिछले हफ्ते दुबई से एक डिप्लोमैटिक कार्गो तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर उतरा। आमतौर पर नियम ये है कि इस कार्गो की कस्टम जांच नहीं होगी और इसे जल्दी रिलीज कर दिया जाएगा। जानकारी दी गई थी कार्गो में बाथरूम फिटिंग्स, नूडल्स, बिस्किट और खजूर रखे हैं। जिसे शारजाह के अल-जतार स्पाइसेज कंपनी ने भेजा है, लेकिन कस्टम अधिकारियों को इसमें सोना आने की कहीं से सूचना मिली थी।
इस कार्गो को लेने यूएई के काउंसलेट जनरल के पूर्व पीआरओ सरिथ कुमार रिसीव करने आए थे। उन्होंने कहा कि वे अब भी काउंसलेट में काम करते हैं। लेकिन काउसंलेट ने कस्टम्स को खबर दे दी थी कि सरिथ को सालभर पहले निकाल दिया गया है। जिसके चलते उन्हें कार्गो रिसीव करने का कोई अधिकार नहीं है। जब काउंसलेट के अन्य अधिकारियों के सामने कार्गो खोला गया तो सोने की स्मगलिंग का खुलासा हुआ। कस्टम ने तत्काल सरिथ कुमार को गिरफ्त में ले लिया। बात दें कि सरिथ ने साल 2016 से 2019 तक काउसंलेट में बतौर पीआरओ काम किया। इसके पहले वह दुबई के कॉमर्शियल बैंक इंटरनेशनल में काम करता था।
जब सरिथ से कड़ी पूछताछ की गई तो उसने स्वपना सुरेश का नाम लिया और बताया कि सात महीने से काउंसलेट में एक्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के पद पर काम कर रही स्वपना सुरेश इस रैकेट को चलाती है। स्वपना सुरेश भी दुबई में रह चुकी है। उसके पिता का वहां पर व्यवसाय है। वहीं से उसने ऐसे लोगों से संपर्क साधा जो रईस हैं और ऐसे कामों में लगे हुए थे। मिली जानकारी के अनुसार 2013 में स्वपना एआईएसएटीएस नाम की एयरपोर्ट सर्विस फर्म जुड़ गई। थोड़े दिन बाद ही उसकी एयरपोर्ट में सभी जगहों पर पहचान हो गई। फिर उसने एक और सीनियर एक्जीक्यूटिव के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई जिसके आधार पर वह एयरपोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों पर यौन शोषण का केस दर्ज कराती थी।
साल 2016 में उसने तिरुवनंतपुरम में खुले यूएई के नए काउंसलेट जनरल ऑफिस में काम करना शुरू किया। उसे नौकरी इसलिए मिली क्योंकि उसकी संयुक्त अरब अमीरात में अच्छी पहचान थी। इसके बाद स्वपना सुरेश सामाजिक, ब्यूरोक्रेटिक और राजनीतिक गलियारों में पहचान बढ़ाने लगी। कई बार तो वह खुद को डिप्लोमैटिक ऑफिसर भी बताती थी। जिसके बाद 2017 में शारजाह के शासक केरल की चार दिन की यात्रा पर आए थे। तब उसने उनके साथ पूरी यात्रा की और उनकी बेहतरीन खातिरदारी कराई। साल भर पहले स्वपना सुरेश और सरिथ कुमार को काउंसलेट ने उनका आपराधिक बैकग्राउंड देखते हुए नौकरी से बाहर निकाल दिया, लेकिन अपनी ऊंची पहुंच की वजह से स्वपना ने किसी तरह केरल स्टेट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में डेवलपमेंट मैनेजर की पोस्ट हासिल कर ली। इसके लिए उसने तत्कालीन आईटी सेक्रेटरी एम. शिवशंकर की मदद ली थी। शिवशंकर उस समय मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी भी थे। जब सोने की स्मगलिंग का मामला खुलकर सामने आया तो पता चला कि शिवशंकर की सिफारिश पर उसे नौकरी मिली थी। विदेश में रह रहे स्वपना के भाई ने मीडिया को बताया स्वपना ने बारहवीं पास भी नहीं है। उसने बोर्ड परीक्षा भी नहीं दी थी अब कस्टम विभाग की टीम स्वपना सुरेश के साथ-साथ उन सभी लोगों की तलाश में लगी है जो इस स्मगलिंग रैकेट में शामिल हैं।