कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के मामले में भारत ने स्वर्णिम इतिहास रचते हुए वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ (Covid 19 Vaccination 100 Crore Record) के पार पहुंच गया है. कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में कीर्तिमान बनाए जाने का जश्न पूरे देश में मनाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में स्थित कूचबिहार पैलेस (Cooch Behar Palace) को कोरोना वैक्सीनेशन के 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने और आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने के अवसर पर रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. दूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बंगाल की बीजेपी सांसद देवश्री चौधुरी ने कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ पार करने पर पीएम मोदी को बधाई दी है.
बता दें कि ईट से निर्मित कूचबिहार की राजबाड़ी विश्व के सात खूबसूरत महलों में से एक है और उत्तर बंगाल कोच राजवंशी समुदाय की विरासत की कहानी का बयां करती है. इसके पहले भी भारत और बांग्लादेश 1971 के मुक्ति युद्ध के स्वर्ण जयंती वर्ष पर विजय दिवस उत्सव के अवसर पर आयोजित सम्मेलन में कूचबिहार के पैलेस को बैकड्रॉप में रखा गया था.
पीएम मोदी ने असंभव को संभव है कर दिखाया-बोलीं पूर्व केंद्रीय मंत्री
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी की सांसद देबश्री चौधुरी ने कोरोना वैक्सीनेशन में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने पर कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. इसलिए इस असंभव को संभव कर पाएं हैं. देश की कुल 130 करोड की आबादी में से 100 करोड़ वैक्सीनेशन होना और इतने कम समय में होना बहुत ही सराहनीय है. अभी वैक्सीनेशन का आये हुए एक साल नहीं हुआ है. विश्व में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन का टारगेट देश ने पूरा किया है. इस समय देश में इतना शक्तिशाली प्रधानमंत्री हैं, तभी यह संभव हो पाया है. प्लस पोलियो टीकाकरण में कितना समय लगा है, लेकिन प्रधानमंत्री के कुशल और दक्ष नेतृत्व में देश ने बहुत जल्द ही 100 करोड़ का आंकड़ा छू लिया है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 130 करोड़ का आंकड़ा पार करेंगे. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशिन के कारण ही देश कोरोना की तीसरा वेब को रोकने में सफल रहा है. उम्मीद है कि बहुत शीघ्र ही हम देश के सभी लोगों का वैक्सीनेशन कर पाएंगे.
जानें-कूचबिहार राजबाड़ी का इतिहास
कूचबिहार पश्चिम बंगाल प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित कूचबिहार जिले का एक शहर है. 1586 से 1949 तक यह एक छोटी रियासत के रूप में था. उसी दौरान कूचबिहार राजबाड़ी का निर्माण हुआ था. इसका निर्माण यूरोपियन शैली में किया गया है. ब्रिटेन स्थित बकिंघम पैलेस की डिजाइन वाली यह दो मंजिला इमारत 1887 में बनकर तैयार हुई थी और इसका निर्माण कोच महाराजा नृपेंद्र नारायण सिंह करवाया था. हालांकि, जब इसका निर्माण किया गया उस वक्त यह तीन मंजिला थी. लेकिन, 1897 के विनाशकारी भूकंप की वजह से इसे भारी नुकसान पहुंचा था. इस भूकंप के बाद हुए पुनर्निर्माण में राजबाड़ी को दो मंजिल तक ही सीमित कर दिया गया. इन दोनों मंजिलों का निर्मार्ण ईटों से किया गया है.
साल 1950 में कूचबिहार का भारत में हुआ था विलय
कोच साम्राज्य की स्थापना 1510 में महाराजा विश्व सिंह ने की थी. इसके 440 साल बाद यानी 1950 में इस साम्राज्य का अंत आजाद भारत में विलय के साथ हुआ. इस विलयपत्र पर हस्ताक्षर इसके 24वें और अंतिम महाराजा जगद्दीपेंद्र नारायण ने किए थे. साल 1970 में उनकी मृत्यु के 12 साल बाद इस पैलेस को भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया. वहीं, एएसआई ने इसे साल 2002 में संग्रहालय का रूप देकर लोगों को यहां का इतिहास और करीब से जानने का मौका दिया. इस संग्रहालय में आने वाले लोग सात कमरों से गुजरते हुए कोच राजवंश के साथ-साथ उत्तर बंगाल की कई विरासतों के बारे में नजदीकी परिचय हासिल कर सकते हैं.