धतूरा का इस्तेमाल तांत्रिक विधाओं से लेकर कई बीमारियों में किया जाता है। अस्थमा के रोगियों के लिए धतूरे का प्रयोग रामबाण हैं। इसके लिए बराबर मात्रा में धतूरे की पत्तियों व फल को सुखाकर कूट ले।
फिर उस मिश्रण को मिटटी की हण्डिया मेंभरकर कपड़े से हण्डिया के मुंह को बंदकर उपर से मिटटी लगाये उपले कोयले या लकड़ी के अंगारे पर इस पात्र को रखे। जब पतियाँ और फल जलकर भस्म बन जाये तो उसे उतार कर रख ले।
इसके बाद में इसकी आधा ग्राम तक की मात्रा को सुबह शाम शहद के साथ नियमित रूप से चटाए। ऐसा करने से अस्थमा व कफ रोगों में लाभ मिलता है। धतूरे के पत्तो को चिलम में तम्बाकू की तरह से भरकर पिए, इससे अस्थमा के रोगियों को तुरंत राहत मिलेगी।