ब्रिटेन समेत यूरोप के तमाम देश इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अब ब्रिटेन और बाकी देशों के सामने एक और संकट आ गया है। यूरोपियन यूनियन और ब्रिटेन की करीब 60% जमीन सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रही है। यह क्षेत्रफल भारत देश के क्षेत्रफल जितना है।
यूके सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी के मुताबिक औसत से अधिक तापमान और कम बारिश के चलते अक्टूबर तक ब्रिटेन में खासकर इंग्लैंड में संकट और बढ़ सकता है। ऐसे में वाटर कंपनियों ने होसपाइप पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में प्रतिबंध का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।
करीब 1.7 करोड़ लोग अभी तक इससे प्रभावित हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में 1.5 करोड़ लोग इससे और प्रभावित हो सकते हैं। इतना ही नहीं फसलें प्रभावित होने के चलते यहां महंगाई बढ़ने की भी आशंका है। सूखे के संकट को देखते हुए इंग्लैंड के कई हिस्सों में पीने के पानी को खरीदने को लेकर मारामारी मच गई है। इतना ही नहीं कई स्टोर पर बिकने वाले पानी की कमी भी देखने को मिलने लगी है।
गर्मी और सूखे के चलते यूरोप में फसलों पर भी संकट नजर आने लगा है। यूरोपीय कमीशन साइंस सर्विस के मुताबिक, यूरोपीय संघ में मक्का, सूरजमुखी और सोयाबीन के उत्पादन में 8-9% की गिरावट देखने को मिल सकती है जो पांच साल के औसत से काफी कम है।
अनुमान है कि ब्रिटेन के कई हिस्सों को अगले साल तक इस समय से जूझना पड़ सकता है। इतना ही नहीं आने वाले समय में गर्मी और बढ़ने की संभावना है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी ब्रिटेन में बारिश हो तो बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।