महाराष्ट्र (Mahrashtra) में पुलिस ने दो स्थानों पर आत्महत्या (Suicide) करने की कोशिश कर रही दो महिलाओं को बचाया. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दोनों घटनाएं मंगलवार की हैं और दोनों महिलाएं घरेलू विवाद या किसी अन्य कारण की वजह से अवसाद (Depression) में थीं. टिटवाला थाने के एक सहायक पुलिस निरीक्षक ने बताया कि वह ‘रायता ब्रिज’ से गुजर रहे थे, जब उन्होंने एक महिला को वहां देखा. अधिकारी ने बताया कि जैसे ही महिला नदी में कूदी, उसकी साड़ी पुल के एक खंभे की छड़ में अटक गई. वह अपनी साड़ी खींचने की कोशिश करने लगी. तभी पुलिस ने वहां पहुंच कर उसे बचा लिया. उन्होंने बताया कि महिला ने बाद में पुलिस को बताया कि वह जिंदगी से परेशान हो गई है और इसलिए आत्महत्या करना चाहती थी.
इस बीच, मीरा-भयंदर वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्तालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 45 वर्षीय एक महिला मंगलवार दोपहर पुल से वर्सोवा खाड़ी में कूद गई थी. एमबीवीवी के एक कॉन्स्टेबल ने देखा और खाड़ी में कूद कर उसे पानी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया. पुलिस ने बताया कि महिला घरेलू विवाद के चलते परेशान थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अवसाद को एक मेंटल डिसॉर्डर माना है. डब्ल्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. वहीं, पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अवसाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं, डब्ल्यूएचओ यह भी दावा करता है कि डिप्रेशन आपको सुसाइड की ओर ले जा सकता है. हालांकि, इसका इलाज मौजूद है. खास बात है कि बीते साल सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput), आसिफ बसरा समेत कई बड़ी हस्तियों ने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर ली थी.