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सांसद वरुण गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना, जब स्वयं ही मददगार बनना है तो सरकार का क्या काम

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को निशाने पर लेने वाले पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर हमला किया है। उन्होंने पीलीभीत में आई बाढ़ में फंसे लोगों की सहायता करते हुए उन्होंने अपनी नाराजगी अपनी ही सरकार से जताई है। वरुण गांधी ने सरकार की लापरवाही पर तीखा ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में लिखा है कि तराई का अधिकांश भाग बुरी तरह से जलमग्न है। खाने-पीने की चीजें अपने हाथों से इसलिए उपलब्ध करा रहा हूं ताकि कोई भी परिवार इस आपदा के समाप्त होने तक भूखा न रहे। यह दुख की बात है कि जब आम आदमी को सिस्टम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो उसे अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। जब हर एक काम व्यक्तिगत तौर पर ही करना पड़े तो ‘गवर्नेंस’ का क्या मतलब है? सांसद वरुण गांधी के इस सवाल के साथ प्रदेश सरकार से कड़ा सवाल है।

पीलीभीत सांसद वरुण गांधी इस बाढ़ के दौरान स्वयं अपने लोगों के बीच पहुंचे हुए हैं। वह बाढ़ पीड़ितों को यथासंभव हर तरह की मदद पहुंचा रहे हैं। वे लोगों को सूखा राशन, पीने का पानी और नकद आर्थिक मदद भी कर रहे हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की थी। इससे पहले बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़े कर दिया था। लखीमपुर कांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी असहज स्थिति में हो गयी थी। ऐसा पहली बार नहीं है जब वरुण गांधी ने अपनी पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखी है बल्कि बागी तेवर अख्तियार अपनाते हुए योगी सरकार पर एक के बाद एक चिट्ठियों से वार भी करते रहे हैं। कई बार उनके तीखे सवाल सरकार को निरूत्तर कर देते हैं।

वरुण गांधी ने ट्वीट कर यूपी सरकार को घेरा

किसानों के समर्थन में ट्वीट करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का वीडियो भी ट्वीट कर चुके हैं। उन्होंने लिखा था Wise Words From A Big-Hearted Leader…यानि कि बड़े दिल वाले नेता के समझदार शब्द। पहले भी वरुण गांधी बार-बार किसानों और स्थानीय नागरिकों के साथ खड़े दिखे हैं। उन्होंने कई बार किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने, किसानों की बात सुनने की अपील करते रहे हैं। सांसद वरुण गांधी की जब लोगों की आवाज, जनता की आवाज उठाते हैं तो उनका जनाधार उनके साथ होता है।