उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में होने हैं, चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। एक बार फिर बसपा उस ही फॉर्मूले पर काम कर रही है जिसकी वजह से वर्ष 2007 में पार्टी मजबूती के साथ सत्ता में आई थी। इस वर्ष नवरात्र से ही पार्टी ब्राह्मणों के बीच पैठ बढ़ाने की मुहिम शुरू कर करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को इसकी जिम्मेदारी मिली है और पिछले 2 माह से प्रदेश में जिलेवार बैठकों का दौर जारी है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने ब्राह्मण समाज पार्टी से जोड़ने की पहल शुरू की थी, जिसके बाद कई बड़े नेताओं को मंडल स्तर पर संगठन में शामिल करके बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पिछले दिनों सतीश चंद्र मिश्र ने भी अपने लखनऊ आवास पर कई नेताओं से मुलाकात की है। रोजना एक से दो जिलों की बैठक जारी है और अब तक 73 बैठकें हो चुकी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि, नवरात्र से पहले इन बैठकों का दौर पूरा हो जाए, इसके बाद पार्टी जिलेवार बैठक और सम्मेलन शुरू करेगी। पार्टी से ब्राह्मण समाज को जोड़ने की पूरी जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में बार काउंसिल ऑफ उतर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन परेश मिश्र, पूर्व मंत्री अनंत मिश्र ‘अंटू’, नकुल दुबे और रंगनाथ मिश्र की है। जो पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं।
कुछ दिन पहले ही पश्चिम यूपी में पार्टी का चेहरा माने जाने वाले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेटे ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। जिन्हे पार्टी से काफी समय पहले ही निलंबित किया जा चुका था। ऐसे में अब पश्चिम में कौन पार्टी का चेहरा बनेगा अभी यह तय होना बाकी है। नवरात्र रात पार्टी अपनी पूरी तैयारी कर लेगी और आने वाले चुनाव में बेहतर रिजल्ट के लिए मैदान में उतर जाएगी।