देशभर में हर दिन न जाने कितने लोग सड़क हादसे (Road accident) का शिकार हो जाते हैं और इस घटना में कई लोग मौके पर ही दम तोड़ देते हैं. क्योंकि कोई भी शख्स एक पीड़ित की मदद के लिए आगे नहीं आता है. इसके पीछे की वजह कानून है. क्योंकि पीड़ित की मदद करने वाला ही कई बार कानून के घेरे में आ जाता है. उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पुलिस मदद करने वाले शख्स को ही परेशान करने लगती है. इसलिए जब भी कोई सड़क दुर्घटना होती है उसमें से ज्यादातर केस ऐसे ही होते हैं जिसके कारण घायल इंसान की मौत हो जाती है क्योंकि उन्हें सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाता है.
ऐसे में अब मदद करने वालों को लेकर एक नया कानून बनाया गया है. दरअसल सरकार ने इस तरह के ‘नेक आदमी’ के संरक्षण के नियम बनाए हैं, जिसके तहत गुड समेरिटन (good Samaritan) यानी मुसीबत में मदद करने वाले शख्स को पूरी सुरक्षा मिलेगी. इस कानून की माने तो कोई भी पुलिस अफसर या फिर अन्य व्यक्ति नाम, पहचान, पता या ऐसे किसी भी व्यक्तिगत पहचान का खुलासा करने के लिए एक गुड समेरिटन को मजबूर नहीं कर सकता है.
बताया जा रहा है कि सड़क परिवहन (Road transport) और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से संकट के समय में मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए इस नियम को अधिसूचित भी कर दिया है. मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 (Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019) में एक नए एक्ट 134 A, यानी गुड समेरिटन्स का संरक्षण (Protection of good Samaritans) को जोड़ दिया गया है. लागू हुए नए नियम के आधार पर सड़क दुर्घटना में घायल हुए पीड़ित की मदद करने वाले लोगों को अपनी पहचान बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा. इसके साथ ही कानून की माने तो धर्म से लेकर राष्ट्रीयता, जाति या लिंग के तहत किसी भी व्यक्ति से भेदभाव किए बिना शख्स के साथ सम्मानजनक बर्ताव किया जाएगा.