पुलिस को श्रद्धा वालकर हत्याकांड मामले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो जांच टीम ने आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के महरौली स्थित किराए के घर के पास लगे एक सीसीटीवी के कुछ फुटेज बरामद किए हैं, जो 18 अक्टूबर के हैं. इन सीसीटीवी फुटेज में आफताब घर से 3 बार हाथ में कुछ सामान लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा है.
सूत्रों के मुताबिक इसके बारे में जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो आफताब ने बताया कि फ्रिज में रखे श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़ों को उसने 18 अक्टूबर को ही फेंका था. पुलिस के सामने आफताब के दिए गए बयानों के मुताबिक श्रद्धा की हत्या के बाद उसने उसके शव के 35 टुकड़े किए और फ्रिज में डाल दिया. वह धीरे-धीरे शव के टुकड़ों को काले पॉलिथीन में डालता और जंगल में फेंक आता. आफताब के महरौली वाले घर से निकलने के बाद तकरीबन 400 से 500 मीटर की दूरी पर सड़क आती है.
अरावली पहाड़ वाले जंगल का एक हिस्सा सड़क के किनारे ही आता है. जंगल का यह हिस्सा दिल्ली होते हुए गुरुग्राम और राजस्थान तक सैकड़ों किलोमीटर में फैला हुआ है. आफताब ने पुलिस को बताया कि सुनसान जंगल के अंदर श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़े, मई में ही फेंक दिए थे. जबकि सिर, धड़ और हाथ -पैरों की अंगुलियों को उसने फ्रिज में रखा था और सही समय देखकर बाद में फेंकने का प्लान बनाया था. इसी दौरान गुरुग्राम में एक कॉल सेंटर में उसकी नौकरी लग गई.
ड्यूटी के लिए वह नाईट शिफ्ट में जाता था, सुबह ड्यूटी से लौटने के बाद सो जाता था. दोपहर को उठता तो उसके कुछ दोस्त या महिला मित्र आ जाती थीं. इस वजह से वह श्रद्धा के शव के बचे टुकड़ों को फेंक नहीं पाया. बकौल आफताब गत अक्टूबर में जब उसे ध्यान आया कि शव के बचे हुए टुकड़ों को भी फेंक देना चाहिए, तो उसने 18 अक्टूबर को यानी हत्या के 5 महीने बाद जंगल में गया था. आरोपी ने एक ही दिन में बाकी सारे टुकड़ों को फेंक था.
इसीलिए वह 18 अक्टूबर की शाम 4:30 बजे से 7:30 बजे तक अपने घर से जंगल के 3 चक्कर लगाए थे और यह पूरा वाकया सीसीटीवी में कैद हो गया, जिसमें वह हर बार कुछ ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है. पुलिस ने सीसीटीवी जब्त कर लिया है. दिल्ली पुलिस इस मामले की तफ्तीश और सीसीटीवी फुटेज से जुड़ा कोई आधिकारिक खुलासा फिलहाल नहीं कर रही है. क्योंकि पुलिस केस में और सबूत ढूंढने के लिए दिल्ली से मुंबई, हिमाचल, गुरुग्राम और देहरादून का चक्कर लगा रही है. कोर्ट में आरोपी के खिलाफ सिर्फ बयानों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस सबूत पेश करने होंगे. जल्द ही इस मामले में दिल्ली पुलिस पुख्ता सबूतों के साथ आधिकारिक बयान जारी कर सकती है.