भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) की तेजी ने पिछले कुछ महीनों के दौरान घरेलू निवेशकों की संख्या (number of domestic investors) में काफी बढ़ोतरी कर दी है। सूझबूझ के साथ किए गए निवेश पर मिल रहे शानदार रिटर्न के कारण आम निवेशकों की दिलचस्पी शेयर बाजार की ओर लगातार बढ़ती जा रही है। निवेशकों की दिलचस्पी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल जून के महीने से लेकर अभी तक करीब एक करोड़ नए निवेशक शेयर बाजार के साथ संबंध जुड़ चुके हैं। यानी सिर्फ तीन महीने की अवधि में ही शेयर बाजार के घरेलू निवेशक की संख्या में एक करोड़ का इजाफा हो गया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 6 जून, 2021 से लेकर 21 सितंबर, 2021 के बीच शेयर बाजार में एक करोड़ नए यूनिक क्लायंट कोड पंजीकृत किए गए हैं। यूनिक क्लायंट कोड शेयर बाजार के निवेशकों को दिया जाने वाला एक यूनिक कोड होता है। इस यूनिक क्लायंट कोड की संख्या के आधार पर ही शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या का अनुमान लगाया जाता है। दावा किया जा रहा है कि भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार सिर्फ 3 महीने के अंतराल में एक करोड़ नए निवेशक स्टॉक मार्केट से जुड़े हैं।
निवेशकों की संख्या में हुई बढ़ोतरी की अगर बात की जाए तो इस साल के नौ महीनों के दौरान अभी तक 2 करोड़ नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ चुके हैं। जनवरी 2021 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने 6 करोड़ निवेशकों के आंकड़े तक पहुंचने में सफलता पाई थी। इसके बाद के 6 महीने की अवधि में ही यानी जून के महीने की शुरुआत तक ही भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या बढ़कर 7 करोड़ हो गई जबकि इसके बाद के अगले 3 महीने में यह संख्या बढ़कर 8 करोड़ हो गई।
उल्लेखनीय है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने सबसे पहले फरवरी 2008 में पहली बार 8 डिजिट के आंकड़े को स्पर्श किया था। यानी फरवरी 2008 में पहली बार शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या एक करोड़ हो गई थी। एक करोड़ से 3 करोड़ तक की निवेशकों की संख्या तक पहुंचने में शेयर बाजार को इसके बाद के 10 साल का समय लगा। साल 2018 में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ हो गई थी लेकिन इसके बाद शेयर बाजार से जुड़ने वाले नए निवेशकों की संख्या में जोरदार तेजी आई। 2018 के 3 करोड़ निवेशकों की संख्या से 6 करोड़ निवेशक तक की संख्या पहुंचने में शेयर बाजार को और 2 साल का समय लगा। यानी इस साल जनवरी की शुरुआत में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या 6 करोड़ तक पहुंच गई। इसके बाद के अगले 9 महीने में ही इस संख्या में दो करोड़ निवेशकों की बढ़ोतरी हो गई, जिसके कारण अब शेयर बाजार से 8 करोड़ से ज्यादा निवेशक जुड़ चुके हैं।
शेयर बाजार से जुड़ने वाले निवेशकों के डीमैट अकाउंट की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ी है। डिमैट अकाउंट का इस्तेमाल निवेशकों के द्वारा शेयर की खरीद बिक्री करने या फिर शेयर को अपने पास होल्ड करने के लिए किया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक जून 2021 में डीमैट अकाउंट की संख्या भी 6.22 करोड़ के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच गई थी और इसकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है।
हालांकि शेयर बाजार की तुलना में कम जोखिम वाले निवेश माध्यम म्यूचुअल फंड में निवेशकों की संख्या बढ़ने की गति कम रही है। शेयर बाजार में प्रत्यक्ष निवेश करके जल्दी और ज्यादा मुनाफा कमाने कि लोगों की चाहत के कारण म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या अभी भी काफी कम है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2021 में पहली छमाही के अंत तक यानी जून महीने के अंत तक देश में म्यूचुअल फंड के कुल 2.39 करोड़ निवेशक थे। इससे साफ है कि कम जोखिम वाला इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट होने के बावजूद इक्विटी मार्केट की तुलना में म्यूचुअल फंड के प्रति लोगों का रुझान कम रहा है।
जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ सालों के दौरान इक्विटी इन्वेस्टमेंट के प्रति लोगों का नजरिया बदला है और लोग सूझबूझ के साथ निवेश करके मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। यही वजह है कि शेयर बाजार की तेजी ने निवेशकों को काफी तेजी के साथ अपनी और आकर्षित किया है। वाईके सिक्योरिटीज के सीईओ यदुनंदन कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि शेयर बाजार की तेजी हमेशा ही नए निवेशकों को आकर्षित करती है। हालांकि बाजार में करेक्शन होने पर बड़ी संख्या में नए निवेशक नुकसान होने के डर से बाजार से बाहर भी निकल जाते हैं लेकिन बाजार की तेजी लौटते ही निवेशकों की संख्या में दोबारा बढ़ोतरी होने लगती है। भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक साल के दौरान आई जोरदार तेजी ने भी बड़ी संख्या में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। यही कारण है कि 2021 के पहले 9 महीनों के दौरान अभी तक दो करोड़ से ज्यादा नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ चुके हैं।