नया साल (New Year 2021) शुरू हो चुका है. 2021 के स्वागत की धूम हर तरफ देखने को मिल रही है. हालांकि, एक ऐसा भी देश है, जो साल 2014 में ही चल रहा है. यह देश बाकी दुनिया से 7 साल पीछे चल रहा है. अफ्रीकी देश इथियोपिया का कैलेंडर दुनिया से 7-8 साल पीछे चलता है. यह देश कई मामलों में आगे है लेकिन कैलेंडर के मामले में काफी पीछे है. इथियोपिया में सितंबर में मनाते हैं नया साल
अफ्रीका के दूसरे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश इथियोपिया (Ethiopia) की आबादी 85 लाख से ज्यादा है. इस देश का अपना अलग कैलेंडर है, जिसे ग्रेगोरियन कैलेंडर के नाम से जाना जाता है. यह कैलेंडर बाकी कैलेंडर्स से लगभग पौने आठ साल पीछे है. यहां नया साल 1 जनवरी के बजाय हर 13 महीने बाद 11 सितंबर को मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी. इससे पहले वहां जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) का इस्तेमाल हुआ करता था. कैथोलिक चर्च को मानने वाले देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, जबकि कई देश इसका विरोध कर रहे थे. इनमें इथियोपिया (Ethiopia) भी एक था.
अलग है यहां का कैलेंडर इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स (Orthodox) चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी (BC) में हुआ था और यहां पर इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई थी. वहीं, दुनिया के बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म AD1 में बताया गया है. यही कारण है कि यह देश 7-8 साल पीछे चलता है यानी यहां का कैलेंडर (Calendar) इतना पीछे है. दुनिया के बाकी देश आज 2021 का जश्न मना रहे हैं, जबकि इथियोपिया अभी तक 2014 में ही है.
13 महीने का होता है एक साल इथियोपियन कैलेंडर (Ethiopian Calendar) में एक साल में 13 महीने होते हैं, जबकि बाकी सभी कैलेंडर में 12 महीने का एक साल होता है. इनमें 12 महीनों में 30 दिन होते हैं. आखिरी महीना पाग्यूमे कहलाता है, जिसमें 5 या 6 दिन होते हैं. यह महीना साल के उन दिनों की याद में जोड़कर बनाया गया है, जो किसी वजह से साल की गिनती में नहीं आ पाते हैं.