मेहमान टीम इंग्लैंड ने जब भारत में कदम रखा था तभी से हर किसी का मानना था कि, जिस तरह भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज अपने नाम की उसी तरह इस सीरीज को भी अपने नाम करके रहेगी. मगर पहले टेस्ट में इसका एकदम उलट देखने को मिला. जिसके बाद सबसे पहले सवाल उठे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पर. मेहमान टीम ने चेन्नई में टीम इंडिया को ऐसा बड़ा झटका दिया है जिसके बाद खिलाड़ियों के चेहरे लटक गए हैं. इंग्लैंड ने पहला टेस्ट मैच अपने नाम किया तो 22 साल में पहली बार भारत को चेन्नई में हार देखने को मिली. दूसरी पारी में भारत 192 रनों पर सिमटकर रह गया और मेहमान टीम ने 227 रनों से बड़ी जीत हासिल की. पहले टेस्ट मैच में जीत हासिल करने वाला इंग्लैंड अब सीरीज में 1-0 से आगे हो गया है. वहीं सोशल मीडिया पर टीम इंडिया की हार के बाद कई तरह के मीम्स वायरल होने लगे हैं. लोगों को सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की हो रही है जो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के गाबा में इतिहास रचकर आई थी वही टीम इंडिया अपने ही देश में जलवा बरकरार रखने में कैसे असफल रही. तो आइए जानते हैं कि, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, पुजारा, अश्विन, बुमराह जैसे खिलाड़ियों के होने के बावजूद टीम इंडिया कैसे हार गई?
विराट कोहली की कप्तानी
टीम इंडिया जिस वक्त ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी तब टीम के कई खिलाड़ी चोटिल हो गए थे और इस कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया था. वहीं कप्तान कोहली पैटरनिटी लीव लेकर भारत लौट आए थे. इसके बाद टीम की कमान अंजिक्य रहाणे ने संभाली थी और टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज भी रहाणे की कप्तानी में जीती थी. अब चूंकि विराट कोहली अवकाश के बाद लौट गए तो उन्हें इंग्लैंड सीरीज में टीम की कमान मिल गई. पर यहां कोहली ने मैच शुरू होता उससे पहले ही गलत फैसले लेने शुरू कर दिए जो कहीं ना कहीं टीम की हार का कारण बना. कोहली ने प्लेइंग इलेवन में कुलदीप यादव को मौका न देकर शाहबाज नदीम को मौका दिया. जिन्होंने पूरे टेस्ट मैच में 233 रन दिए और सिर्फ 4 विकेट लिए. वहीं वॉशिंगटन सुंदर को बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर मौका दिया गया. लेकिन सुंदर की गेंदबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही. हालांकि, उनके बल्ले ने कुछ कमाल जरूर दिखाया.
बिना प्लान मैदान में उतरे गेंदबाज
चेन्नई की पिच पर टीम इंडिया के गेंदबाज खेल के पहले दो दिन कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और न ही लाइन-लेंग्थ के साथ गेंदबाजी की. वहीं भारत में पहली बार खेल रहे डोम बेस के डिफेंस को कोई गेंदबाज भी चित नहीं कर सका और कप्तान जो रूट के आगे वैसे ही स्पिनर्स टिक नहीं पाए. रूट ने टीम इंडिया के स्पिनर्स को खूब परेशान किया. देखा जाए तो टीम इंडिया के गेंदबाजों के पास इंग्लैंड के बल्लेबाजों को मैदान पर चित करने के लिए कोई भी खास प्लान नहीं था. भले ही दूसरी पारी में गेंदबाज पूरे जोश के साथ उतरे लेकिन तबतक इंग्लैंड खुद को मजबूत कर चुका था.
रोहित-रहाणे का सरेंडर
पहले टेस्ट मैच के दौरान उपकप्तान अंजिक्य रहाणे और रोहित शर्मा पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए. जो टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण बना. ये दोनों ही बल्लेबाज टीम इंडिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं. लेकिन पहली पारी में रोहित शर्मा 6 और दूसरी पारी में 12 रन बनाकर आउट हो गए. तो रहाणे पहली पारी में सिर्फ 1 और दूसरी पारी में खाता तक नहीं खोल पाए. जो वाकई बेहद शर्मनाक था और इन दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन का खुलकर फायदा इंग्लैंड ने उठाया.
मैच के साथ टॉस भी हारे
वैसे तो क्रिकेट में टॉस जीतना या हारना किसी के हाथ में नहीं होता. लेकिन कई बार मैच का नतीजा सिक्के की बाजी ही तय कर देती है. कुछ ऐसा चेन्नई में देखने को मिला. टेस्ट मैच के पहले दो दिनों तक चेन्नई की पिच बल्लेबाजों के स्वर्ग से कम नहीं थी और इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टॉस जीतते हुए बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इंग्लैंड ने पहली पारी में 578 रनों का स्कोर बनाया जहां टीम इंडिया 337 रनों पर सिमट गई. शुरुआत के दो दिन बल्लेबाजों के लिए पिच अच्छी रही तो चौथे व पांचवे दिन गेंदबाजों के लिए पिच लकी साबित हुई. चौथी पारी के दौरान तो टीम इंडिया के बल्लेबाजों को विकेट लेने में खूब दिक्कत हुई.
कप्तान ने लिखी भारत की हार
इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने टेस्ट मैच से पहले पुजारा के शानदार प्रदर्शन पर बयान दिया था. जिसके बाद माना जा रहा था कि, कहीं न कहीं इंग्लैंड डरा हुआ है. मगर ये डर मैच में दूर-दूर तक नहीं था. टेस्ट की पहली पारी में कप्तान जो रूट ने दोहरा शतक ठोकते हुए भारत की हार लिखी और किसी भी गेंदबाजों को नहीं बख्शा. जसप्रीत बुमराह और अश्विन अनुभवी बल्लेबाज थे लेकिन रूट ने ना सिर्फ इनको बल्कि गैर अनुभवी शाहबाज नदीम व वॉशिंगटन सुंदर को खूब परेशान किया.