लखीमपुर खीरी प्रकरण को लेकर वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में सियासत उबलने लगी है। सोमवार को पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में लिए जाने से नाराज कार्यकर्ता यहां जगह-जगह सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन करने लगे। कार्यकर्ता उग्र नारेबाजी के बीच आरोपितों को फांसी देने की मांग भी करते रहे। कार्यकर्ताओं के तेवर को देख मौके पर फोर्स के साथ डटे पुलिस अफसर उन्हें समझाते रहे।
जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जब तक रिहाई नही होती धरना चलता रहेगा। धरना में शामिल जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, महिला नेत्री पूजा यादव, डॉ. ओपी सिंह सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताते रहे। पदाधिकारी अपने नेता अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी किसानों से मिलने दिये जाने की मांग भी करते रहे।
धरना प्रदर्शन से जिला मुख्यालय पर भीड़ देख अफसरों ने पुलिस लाइन में चल कर वार्ता करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद भी सपाई नहीं माने तो पुलिस ने सख्त रूख अपनाया। प्रदर्शन के दौरान सपा नेताओं ने जिला प्रशासन को यहां ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें लखीमपुर खीरी हिंसा की सीबीआई जांच कराने और मृतक किसानों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की। लंका स्थित बीएचयू के मुख्य गेट पर सपा कार्यकर्ताओं ने महानगर अध्यक्ष युवजन सभा के नेतृत्व में जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों का ज्ञापन एसीपी भेलूपुर को सौंपा।
मैदागिन चौराहे पर युवजन सभा नेता किशन दीक्षित, रविकांत विश्वकर्मा, राम नगर चौक में कार्यकर्ताओं ने जितेंद्र यादव मलिक के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। सपा और अन्य दलों के विरोध प्रदर्शन को देख पूरे जिले में जिला प्रशासन सतर्क है। जिला मुख्यालय, कलेक्ट्रेट के साथ ही कैंट रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टेशन सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर पुलिस, पीएसी के जवान तैनात है। पुलिस कमिश्नर ने पहले ही अधिकारियों को किसानों के प्रस्तावित धरना, प्रदर्शन के मद्देनजर अलर्ट रहने का निर्देश दिया था। आलाधिकारी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए हैं।