परिवार परामर्श केंद्र पर अपनी पत्नी से सुलह करने आए पति ने अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कहकर उसे तलाक दे दिया. कानूनी तौर पर तीन तलाक ख़त्म होने के चलते पुलिस ने इस हरकत पर पति के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. मामला खण्डवा की गुलनाज़ सिद्दीकी का है जिसका 8 साल पहले झांसी के अज़हर से निकाह हुआ था. शुरू में थोड़ा ठीकठाक चला, दो बच्चे भी हुए लेकिन इसके बाद दोनों में अनबन शुरू हो गई. लॉकडाउन के शुरूआती दौर में ही अचानक अज़हर अपने परिवार को छोड़कर कहीं चला गया. गुलनाज़ और उसके बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ गई. ससुराल के लोगों का भी दिल नहीं पसीजा. वह किसी तरह अपने मायके लौटी.
गुलनाज ने बताया कि मेरा पति शादी के बाद से ही दहेज के लिए प्रताड़ित करता था. कई बार मेरे पिता ने उसे पैसे भी दिए लेकिन वह परिवार की जिम्मेदारियों से मुंह चुराता था. अभी लॉकडाउन के पहले वह घर छोड़कर चला गया. हमारी भूखे मरने की नौबत आ गई. मैंने भीख मांगकर बच्चों का पेट भरा. अभी भी मैं बच्चों की वज़ह से यह रिश्ता खत्म नहीं करना चाहती थी, इसीलिये महिला परामर्श केंद्र पर गई थी. यहां समझौते के लिये पति को बुलाया था लेकिन उन्होंने सभी के सामने तीन तलाक कहकर मुझे तलाक दे दिया.
गुलनाज़ और अज़हर के दो बच्चे भी हैं. सात वर्ष की बेटी औऱ साढ़े चार वर्ष का बेटा है. पति-पत्नी के इस विवाद के चलते इन मासूमों का भविष्य भी दांव पर लग गया है. गुलनाज़ अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिये सभी जतन करती रही. उसे मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम 2019 से भी उम्मीद जगी थी लेकिन उसके पति को इस कानून का भी ख़ौफ़ नहीं था. उसने यह कहकर उसे परामर्श केंद्र में सभी के सामने तीन तलाक कह दिया कि मुझे खुदा को मुंह दिखाना है.