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लखनऊ में ATS ने दिया बड़े ऑपरेशन को अंजाम, दो संदिग्ध आतंकवादियों को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यूपी ATS ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इसमें दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. इनका आतंकी संगठन अलकायदा से लिंक होने का शक है. दोनों लोगों की गिरफ्तारी लखनऊ के काकोरी इलाके हुई हैं. इनके पास से प्रेशर कुकर बम और अन्य हथियार और दस्तावेज मिले हैं. शक है कि ये लोग किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे थे.

अभी घर में कुछ और लोगों के छिपे होने की आशंका है, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन जारी है. खबर मिली थी कि काकोरी इलाके के एक घर में अलकायदा के आतंकी छिपे हैं, इसके बाद वहां छापेमारी की गई.

मिली सूचना के बाद यूपी ATS ने कमांडोज और भारी फोर्स के साथ काकोरी इलाके में छापेमारी की थी. फिलहाल पकड़े गए दोनों लोगों से पूछताछ जारी है. जिस बिल्डिंग में छापा मारा गया था, वहां से ATS को काफी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

पकड़े गए एक संदिग्ध का नाम शाहिद है. वह मलिहाबाद का रहने वाला बताया गया है. जिस मकान पर छापा पड़ा वह शाहिद का ही है, यहां वह परिवार के साथ रहता है और मोटर गैराज का काम करता है.

प्रेशर कुकर बम और हथियार मिले

संदिग्ध शाहिद के घर के अंदर से दो प्रेशर कुकर बम, एक अर्ध निर्मित टाइम बम मिले हैं. अभी और अन्य लोगों के घर के अंदर छुपे होने की जानकारी पर एटीएस का सर्च ऑपरेशन जारी है. बताया जा रहा है कि ये लोग दो-तीन दिन में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे.

क्या है अलकायदा का उत्तर प्रदेश कनेक्शन

अलकायदा ने साल 2014 इंडिया सबकॉन्टिनेंट का एलान किया था. खुफिया एजंसियों ने बाद में खुलासा किया था कि अलकायदा इंडिया सबकॉन्टिनेंट का चीफ उत्तर प्रदेश के सम्भल का रहने वाला है, जिसका नाम मौलाना असीम उमर है. बहुत पहले असीम उमर पाकिस्तान शिफ्ट हो गया था जो बाद मे अलकायदा से जुड़ गया था. कुछ साल पहले मौलाना असीम उमर को अफगानिस्तान में अफगान एजेंसियों ने मार गिराया था.

लेकिन अलकायदा के स्लीपर सेल्स को लगातार यूपी से पकड़ा जाता रहा है. इन्हें पकड़ने मे दिल्ली पुलिस समेत तमाम एजेंसियां शामिल रहती हैं.

करीब तीन साल पहले इसी इलाके में सैफुल्लाह एनकाउंटर हुआ था. 8 मार्च 2017 को करीब 11 घंटे चले ऑपरेशन में संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह को मारा गया था. उसके पास से कुछ हथियार और दस्तावेज बरामद होने की बात कही थी. बाद में इस एनकाउंटर के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए थे.