केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिनों की यात्रा पर बेंगलुरु पहुंचे हैं. इस दौरान आज यानी शुक्रवार को उन्होंने वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) का दौरा किया. इस प्रतिष्ठान में वे देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के सिम्युलेटर में बैठकर उड़ान भरी. उन्होंने अपने इस अनुभव को अद्भुत बताया है. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, बेंगलुरु स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठित (एडीई) में एलसीए तेजस सिम्युलेटर में उड़ान भरने का अनुभव अद्भुत था.
ट्वीट के साथ उन्होंने उड़ान भरते हुए एक फोटो भी शेयर किया जिसमें वो सिम्युलेटर के कोकपिट में बैठे दिखाई दे रहे हैं. वहीं उनके साथ एक पायलट भी है जिसके हाथ में सिम्युलेटर को कंट्रोल करने का कमान है. सिम्युलेटर के डिस्पले में विमान की ऊंचाई और अन्य आंकड़े दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि यह प्रतिष्ठान सशस्त्र बलों के लिए मानव रहित यान और अन्य हवाई प्रणालियां विकसित करने का काम करता है.
वहीं, बेंगलुरु के येलहंका वायुसेना कनक्लेव के उद्घाटन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “1971 का युद्ध और इसमें भारतीयों की जीत जितनी खास है इस युद्ध का आधार भी उतना ही खास है. ये इतिहास के उन कुछ युद्धों में से एक है जो न किसी जमीन के लिए, न किसी आसमान पर हक जमाने के लिए, न किसी तरह की सत्ता के लिए, इस युद्ध के पीछे लक्ष्य था मानवता और लोकतंत्र की गरिमा की सुरक्षा.”
वहीं, बेंगलुरू दौरा पर गए राजनाथ सिंह ने बीते दिन यानी गुरुवार को कहा था कि रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा हमारी क्षमता और मानक में वृद्धि है. उन्होंने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पहली बार शीर्ष 25 रक्षा उत्पादों के निर्यातक देशों की सूची में शामिल है. साथ ही उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और भारत को वैश्विक रक्षा आपूर्ति चेन का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से हमने 2024-25 तक एयरोस्पेस और रक्षा सामान और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है.”