प्रदेश के सभी गावों में सरकार की नीतियों को पहुंचाने के लिए सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत कार्यालय/ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जाएगी और प्रत्येक ग्राम सचिवालय में एक सहायक/कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की जाएगी। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को भी शहरों से जोड़ा जा सके और इलाके के ग्रामीण लोग भी उनके लिए लाई गयी नई नीतियों का फायदा उठा सके।
लोकभवन में बुधवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया है। सीएम योगी ने अधिकारियों से इस काम को छह माह में पूरा करने के निर्देश दिए है।
खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी जानकारी
प्रदेश सरकार में खादी ग्रामोद्योग मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस नए फैसले पे जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक/एकाउंटेंट-कम-डाटा एंट्री ऑपरेटर के चयन और तैनाती और इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि और योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से व्यय किये जाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने अपनी स्वीकृति दे दी है।
इसके अलावा ग्राम पंचायतों में 58,189 पंचायत सहायक/एकाउंटेंट सह डाटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती भी होगी, इससे प्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा। सिद्धार्थनाथ सिंह ने आगे बताया कि 58,189 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष अभी तक लगभग 16,000 ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम्य विकास अधिकारी के पद सृजित हैं, जिसके सापेक्ष लगभग 10,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
जानकारी के लिए बता दे कि प्रदेश में 58,189 ग्राम पंचायतें हैं। योगी सरकार प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना भी करने जा रही है। पंचायत कार्यालयों में विभिन्न योजनाओं/स्रोतों से प्राप्त होने वाली धनराशि का विवरण/निर्गत आदेश, बीपीएल परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रपत्र, ग्राम पंचायत के आय-व्यय से सम्बन्धित पुस्तिका उपलब्ध रहेगी।