उत्तर प्रदेश में होली के त्योहार को देखते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए शनिवार यानी से फोकस टेस्टिंग शुरू हो गई हैं । यह विशेष अभियान 27 मार्च तक चलाया जाएगा। समुदाय स्तर पर संक्रमण का पता लगाने के लिए फोकस टेस्टिंग का सहारा लिया जा रहा है। इस दौरान दुकानों और शॉपिंग मॉल में काम करने वाले कर्मचारियों, खरीददारी करने वाले लोगों, पटरी दुकानदारों के नमूने लिए जाएंगे। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाकर उनको क्वारंटीन किया जाएगा। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों की जांच होगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के साथ-साथ कांटैक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया जाएगा। लोगों के घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी कोरोना के बारे में सर्तक करेंगे और लक्षण वाले रोगियों की जांच कराएंगे। उधर, मार्च में प्रतिदिन किए जा रहे टेस्ट की रफ्तार धीमी है। फरवरी में प्रत्येक दिन कभी भी एक लाख से कम टेस्ट नहीं हुए और अधिकतम 1.40 लाख तक लोगों की जांच हुई। वहीं मार्च में एक दिन में अधिकतम 1.18 लाख लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ है। शुक्रवार को 90 हजार और आठ मार्च को जांच के लिए 83 हजार सैंपल ही लिए गए थे। फिलहाल अब फोकस टेस्टिंग के साथ-साथ प्रतिदिन होने वाली जांच को भी बढ़ाया जाएगा।
केस बढ़ने से अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग : यूपी में कोरोना संक्रमण के रोगी दोबारा बढ़ रहे हैं। एक महीने बाद सर्वाधिक 167 नए रोगी मिले। इससे पहले तीन फरवरी को 197 संक्रमित मरीज मिले थे। देश में महाराष्ट्र व केरल सहित पांच राज्यों में संक्रमण में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के बाद अब यूपी में हर दिन ज्यादा मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 90 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। नए मिल रहे मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या भी कम है।
अब तक 8,743 लोगों की हो चुकी है मौत : उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में नए मिले मरीजों के मुकाबले 88 रोगी ही ठीक हुए हैं। बीते चार दिनों से लगातार नए मरीजों के मुकाबले कम रोगी स्वस्थ हो रहे हैं। अभी तक कुल 6.04 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं और इसमें से 5.94 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। शुक्रवार को दो और मरीजों की मौत होने के बाद अभी तक 8,743 लोगों की जान यह वायरस ले चुका है।