यूट्यूब चैनल पर महिलाओं की नीलाम के बाद शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने एक महिलाओं को नीलाम किए जाने की घटना के मुद्दे को उठाते हुए एक यूट्यूब चैनल और एक एप के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में चतुर्वेदी ने एक यूट्यूब चैनल और एक एप के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग है। शिवसेना सासंद ने कहा है कि इस यूट्यूब चैनल ने विशेष समुदाय की एक महिला की लाइव नीलामी का प्रसारण किया। उन्होंने कहा कि एप पर कई महिलाओं की तस्वीरों पोस्ट की गई हैं जो उनके सोशल मीडिया हैंडल से उठाई गई हैं।
चतुर्वेदी ने पत्र में लिखा कि कुछ महीने पहले ‘लिबरल डॉज’ नामक यूट्यूब चैनल ने एक एक खास समुदाय की महिला की लाइव नीलामी का प्रसारण किया था। लोग महिला को देखकर बोली लगा रहे थे और भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे। ‘सुल्ली डील्स’ नामक एप पर कई पेशेवर महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट हुई हैं।’वहीं दूसरी ओर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को संसद की मंजूरी बीते 28 जुलाई को मिल गई।
राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। लोकसभा में यह विधेयक बीते 24 मार्च को पारित हो चुका था। इस विधेयक को लेकर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्षी दलों के नेताओं की राय सुने बिना ही इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई। जिस तरह से बिना सदन के बिल पास किए जा रहे हैं,वह सरकार के अहंकार को दर्शाता है। यह संशोधन न सिर्फ न्याय विरोधी है बल्कि बच्चों के खिलाफ भी काम करने वाला है। यह विधेयक आश्रय गृहों में किशोरों के लिए मौजूद चुनौतियों से बेखबर लगता है। यह दिखाता है कि सरकार कितनी बेशर्मी से सत्ता के केंद्रीकरण पर ध्यान देगी।