यूक्रेन के मंत्री एंटन गेराश्चेंको ने दावा किया है कि रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ तीखी बहस के बाद हार्ट अटैक आ गया है। यूक्रेनी मंत्री के मुताबिक इस बहस के दौरान पुतिन ने यूक्रेन में चलाए जा रहे विशेष सैन्य अभियान में असफलता के लिए सर्गेई को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि रूस के रक्षा मंत्री 11 मार्च से नहीं दिखाई दिए हैं जो कि इस पूरे अभियान के दूसरे मास्टरमाइंड हैं।
इससे पहले 24 मार्च को रूसी रक्षामंत्री अंतिम बार टीवी दिखाई दिए थे लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी कि यह फुटेज नया है या पुराना। उनके अचानक से गायब से हो जाने के बाद ऐसी अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं कि उन्हें पुतिन ने यूक्रेन के शहरों जैसे खारकीव या कीव पर कब्जा नहीं कर पाने पर पुतिन ने दंडित किया है। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति कार्यालय से जब इस बारे में पूछा गया था तो उसने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था।
इस बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री डायमट्रो कुलेबा ने कहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन द्वारा उल्लेख किए गए चार बिंदुओं पर रूस के साथ कोई सहमति नहीं बनी है। कुलेबा ने शुक्रवार को ‘उक्रेइंस्का प्रावदा’ को बताया, ‘तुर्की राष्ट्रपति द्वारा चार बिंदुओं का उल्लेख किया गया, जिसमें रूस के साथ उनकी कोई सहमति नहीं बनी है।’ इससे पहले दिन में, एर्दोगन ने संवाददाताओं से कहा कि मॉस्को और कीव चार मुद्दों पर एक समझौते के करीब थे, यूक्रेन का नाटो में प्रवेश, यूक्रेन में दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में रूसी भाषा की मान्यता, सेना और देश की सुरक्षा के बिंदु शामिल थे।
तुर्की के नेता ने कहा, ‘क्रीमिया और पूर्वी डोनबास क्षेत्र की भविष्य की स्थिति पर रूसी मांग वार्ता में सबसे महत्वपूर्ण असहमति बनी हुई है।’ पिछले हफ्ते, एर्दोगन ने इन विषयों पर अंतिम निर्णय के लिए रूस और यूक्रेन के नेताओं को तुर्की में एक साथ लाने के अपने प्रस्ताव को पेश किया था। कुलेबा ने कहा कि रूस के साथ शांति वार्ता के लिए उनके देश के प्रतिनिधिमंडल ने एक मजबूत रुख अपनाया है और अपनी मांगों से पीछे नहीं हट रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन सबसे पहले युद्धविराम, सुरक्षा की गारंटी और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर जोर दे रहा है।