अपने मुहाने पर दस्तक दे चुके बिहार विधानसभा चुनाव में अपने सियासी सल्तनत पर फतह पाने के लिए अब सभी पार्टी मुस्तैद हो चुकी है। फिलहाल, कहां तक और कब तक अपनी सल्तनत स्थापित करने में यह पार्टियां कामयाबी हासिल कर पातीं हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह की रस्साकस्सी सियासी दलों के बीच देखने को मिल रही है। उससे तो यह साफ जाहिर हो रहा है कि सूबे का सियासी जंग इस बार बेहद तीखा और प्रचंड होने जा रहा है। इससे पहले की सीटों का बंटवारा हो, कि एलजेपी ने यूं समझ लीजिए जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इतना ही नहीं, बिहार में इस तरह के पोस्टर भी लग चुके हैं, जिसमें लिखा हुआ है कि मोदी से कोई बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं.. इन वक्तव्यों से साफ जाहिर है कि इस बार एलजेपी और जेडीयू के बीच तीखी जंग हो सकती है। उधर, बिहार के एनडीए में क्रमश: बीजेपी, जेडीयू व लोजपा के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। उधर, माना जा रहा है कि सीट बंटवारे को लेकर जिस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। उससे तो फिलहाल एलजेपी खफा होती हुई ही नजर आ रही है।
बता दें कि इस तरह के नारों का इस्तेमाल पूर्व मेें राजस्थान में तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भी लग चुका है, जिसमें कहा गया था कि मोदी से कोई बैर नहीं, वसंधरा तेरी खैर नहीं.. अब फिर से इस तरह के नारों का इस्तेमाल बिहार विधानसभा चुनाव से पहले होने जा रहा है। अब ऐसे में इन नारों का नतीजा आगे चलकर क्या निकलता यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। वर्तमान में तीनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर रस्साकस्सी का सिलसिला जारी है। इस संदर्भ आज शाम बैठक भी होने जा रही है। अब इस सिलसिले में क्या फैसला लिया जाता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।