वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ शनिवार को लगातार चौथे दिन आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नीतिगत सुधारों के माध्यम से निवेश में तेजी लायी जाएगी। इसके लिए निवेश को मंजूरी प्रदान में तेजी लाने के उद्देश्य से सचिवों का उच्चाधिकार समूह बनाया गया है।
देश में रक्षा साजोसामान बनाने वाले ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने साफ किया कि यह निजीकरण नहीं है। इससे बोर्ड के कामकाज में सुधार आएगा। हम उम्मीद करते हैं कि यह आगे सूचीबद्ध होगी जिससे आम नागरिकों को उसके शेयर खरीदने का मौका मिलेगा। इस क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसदी के बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी गई है। डिफेंस उत्पादन में मेक इन इंडिया पर जोर दिया जाएगा। सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है और उनका उत्पादन भारत में ही होगा। ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची अधिसूचित की जाएगी जिनके आयात पर पाबंदी होगी, उन्हें केेवल देश में ही खरीदा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालयों में निवेश योग्य परियोजनाएं तैयार करने, निवेशकों के साथ संयोजन के लिए केन्द्र और राज्य स्तर पर परियोजना विकास प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। नए निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए रैंकिंग की जाएगी। सोलर पीवी विनिर्माण, एडवांस सेल बैटरी स्टोरेज जैसे नये प्रमुख क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उन्नयन किया जायेगा। इस योजना को राज्यों में लागू किया जायेगा और नये निवेश आकर्षित करने के लिए उपलब्ध इंडस्ट्रीयल भूमि, भूमि बैंक आदि को जीआईएस मैपिंग के जरिये इंडस्ट्रीयल इंर्फोमेंशन सिस्टम पर डाला जायेगा। देश में अभी 3376 औद्योगिक पार्क या विशेष आर्थिक क्षेत्रों में पांच लाख हेक्येटर को इंडस्ट्रीयल इंर्फोमेंशन सिस्टम पर उपलब्ध कराया जायेगा। वर्श 2020-21 में सभी औद्योगिक पार्कों की रैंकिंग की जाएगी।