कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जुका है। जिस वजह से बिहार की राजनीति में जमकर बवाल देखने को मिल रहा है। यहां पर एक तरफ बयानों की तीर नेता छोड़ रहे है। तो दूसरी तरफ पार्टियों की साठ-गांठ में रोज नए बदलाव हो रहे है। बिहार चुनाव से महज कुछ दिनों पहले एनडीए गठबंधन में रस्साकस्सी देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन में सीटों का बंटबारा नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से बीजेपी की मुश्किलें बिहार में बढ़ सकती है। दरअसल लोक जनशाक्ति पार्टी (LJP) ने बीजेपी के सामने 42 सीटों की डिमांड रखी है। इतना ही नहीं, डिमांड पूरी ना होने पर अकेले चुनाव लड़ने उतर सकते है।
सीट बंटवारा पर रस्साकस्सी
बिहार में 243 विधासनभा सीट है। साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में एलपेजी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने उतरी थी। सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी की डिमांड है कि इस बार भी उनकी पार्टी को 42 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। पार्टी का कहना है कि 2014 में उनकी पार्टी ने 7 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था। जिसमें से 6 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में 6 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक राज्यसभा सीट मिली थी। इस लिहाज से एलजेपी को इस चुनाव में भी 42 सीटें मिलनी चाहिए। इसके लिए एलजेपी की तरफ बीजेपी के सामने एक नया फॉर्मूला भी रखा गया है।
चिराग का फॉर्मूला
एलजेपी पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए के सामने एक फॉर्मूला रखा। इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि एलजेपी को 33 विधानसभा सीटों के साथ बिहार में राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने वाले 12 एमएलसी में से दो एमएलसी मिलने चाहिए। इतना ही नहीं, अक्टूबर के अंत में यूपी में होने वाले राज्यसभा चुनाव में एक राज्य सभा सीटें उनकी पार्टी को दे दी जाएं। इसके अलावा चिराग पासवान ने एक और फॉर्मूला बीजेपी पार्टी के सामने रखा है। जिसमें उन्होंने सीधा उपमुख्यमंत्री पद की मांग रखी है। चिराग पासवान के फॉर्मूले के मुताबिक, उन्हें राज्यसभा की सीट नहीं मिले तो बिहार चुनाव से पूर्व सीटों की घोषणा के साथ-साथ ये भी घोषणा की जाए कि बिहार में एनडीए सरकार बनने पर बीजेपी के साथ-साथ एलजेपी से चिराग पासवान भी उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे।
अकेले चुनाव में उतर सकती है LJP
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान और बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव की मुलाकात जल्द ही हो सकती है। इस मुलाकात में सीट बंटवारे को लेकर अहम फैसला लिया जाएगा। लेकिन अगर इस बैठक में सीट बंटवारे पर फैसला नहीं निकलता तो चिराग पासवान की पार्टी अकेले बिहार चुनाव में उतर सकती है। जो बीजेपी के लिए बहुत झटका साबित होगा।
चिराग का नीतीश के खिलाफ बयान
बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान ने नीतीश कुमार और जेडीयू पर भी सवाल उठाए थे। इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार को सीएम ना बनाने की ओर इशारा किया था। चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखी। जिसमे उन्होंने एनडीए गठबंधन में अब तक कोई भी बातचीत शुरू ना होने का मुद्दा उठाया। एलजेपी ने चिट्ठी में कहा कि, बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ एंटीइंकमबेंसी बढ़ गई है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगर चुनाव लड़ा जाएगा। तो एनडीए इस बार चुनाव हार सकता है। वहीं, चिराग पासवान ने कहा कि पूरे देश में बीजेपी संगठन मजबूत हो रहा है, लेकिन बिहार में ऐसा नहीं हो रहा है। बिहार में आज यें स्थिति है कि बीजेपी अपना मुख्यमंत्री घोषित करके अलग लड़े तो जीत सकती है। नीतीश कुमार ने एलजेपी नेताओं का अपमान किया है।