यमन (Yemen) के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) ने मारिब (Marib) में गुरुवार को मिसाइलें दागीं, जिससे कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और करीब 27 लोग घायल हो गए. यमन की सरकारी संवाद समिति ‘सबा’ ने बताया कि गुरुवार को मारिब में एक मस्जिद और एक महिला कारागार को निशाना बनाया गया. हूती विद्रोहियों ने चार बैलिस्टिक मिसाइल दागीं (Missiles Attack) और ड्रोन की मदद से विस्फोटक गिराए. यह मारिब में हूती विद्रोहियों का एक सप्ताह में दूसरा हमला है.
इससे पहले हूती विद्रोहियों द्वारा गत शनिवार को सरकार के अधिकार क्षेत्र वाले शहर मारिब को निशाना बनाकर किये गये मिसाइल हमले में पांच वर्षीय एक बच्ची समेत कम से कम 17 लोगों की मौत हो गयी थी. मारिब शहर पर फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का नियंत्रण है. विद्रोहियों की मंशा मारिब को कब्जे में लेकर यमन के उत्तरी हिस्से पर पूरी तरह नियंत्रण करने की है. लेकिन उन्हें इसमें कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं मिली है. सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा समर्थित सरकारी बलों ने विद्रोहियों को कड़ी टक्कर दी है.
हूतियों का आरोप, गठबंधन सेनाएं उनके ठिकानों को बना रहीं निशाना
गुरुवार को किया गया हमला एक सप्ताह के भीतर किया गया दूसरा हमला था. शनिवार देर रात हुए हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में एक पांच वर्षीय बच्ची भी शामिल थी. हालांकि, इस हमले के बाद तुरंत हूती विद्रोहियों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था. देश के सूचना मंत्री मोअम्मर अल-इरियानी ने शनिवार को हुए हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका से इसकी निंदा करने का आह्वान किया था. हूतियों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले दो दिनों में गठबंधन सेनाओं ने उनके क्षेत्रों में लगभग दो दर्जन हवाई हमले किए हैं.
गृह युद्ध की मार झेल रहा है यमन
2014 से गृह युद्ध की मार झेल रहे यमन (Yemen Civil War) के एक बड़े हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है. गृह युद्ध शुरू होने पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने देश के अधिकतर उत्तरी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया और राजधानी सना (Sanaa) पर कब्जा जमा लिया. इस कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को निर्वासन में जाना पड़ा. वहीं क्षेत्र में ईरान के बढ़ते हस्तक्षेप को देखते हुए सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने गृह युद्ध की शुरुआत होने के एक साल बाद सरकार की तरफ से युद्ध में प्रवेश किया. इस युद्ध में 1,30,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इसने दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट खड़ा कर दिया है.