सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र द्वारा दायर उस विविध आवेदन (एमए) पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें फैसले को लेकर कुछ स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि अब स्पष्टीकरण मांगने के बजाय अदालत के फैसले पर अमल करें और जल्द से जल्द इसे लागू करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप अदालत के फैसले से नाखुश हैं तो आप पुनर्विचार याचिका दाखिल करें।

बता दें कि सेना में स्थायी या परमानेंट कमीशन का मतलब है कि कोई अधिकारी रिटायरमेंट की आयु तक सेना में काम कर सकता है और इसके बाद वह पेंशन का भी अधिकारी होगा। अब महिला सैन्य अधिकारी भी रिटायरमेंट की आयु तक सेना में काम कर सकती हैं। अगर वे चाहें तो समयपूर्व सेवानिवृत्ति भी ले सकती हैं। सेना के अनुसार अब स्थायी कमीशन के लिए जिन 615 महिला अधिकारियों पर विचार किया गया था, उनमें से 424 को यह दिया जा चुका है।