इस समय देश विदेश की सरकारों के सामने बस एक ही चुनौती है, वह है कोरोना | कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है | सरकार इससे निपटने की हर कोशिश कर रही है, लेकिन अब सरकार के सामने एक और चुनौती आ रही है | वह है अन्धविश्वास, हमारे देश में कोरोना का डर धीरे धीरे अन्धविश्वास का रूप लेता जा रहा है |
दरअसल झारखण्ड में महिलाये कोरोना को ‘कोरोना माता’ मानकर पूज रही है | यहाँ लोगो का मानना है कि यदि सोमवार और शुक्रवार को विधि विधान पूर्वक कोरोना माता की पूजा की जाए तो वे स्वयं ही देश छोड़कर चली जाएगी | इसके बाद से ही महिलाये और किन्नर कोरोना माता को प्रसन्न करने में जुटे हुए है .
ये मामला एक वीडियो और फोटोज के वायरल होने के बाद सामने आया | वीडियो में महिलाये खुले स्थान पर पूजा कर रही है | ये मामला झारखण्ड के धनबाद से सामने आया है |
जानकारी के अनुसार झरिया के ललौरी पत्थरा की महिलाये यहाँ स्थित एक नदी के किनारे विधि पूर्वक कोरोना की पूजा कर रही है | नदी के किनारे महिलाये एक फ़ीट का गड्ढा खोदकर उसमे लड्डू, लौंग और फूल डालकर उसे बंद कर रही है | उनका मानना है कि इस विशेष पूजा से कोरोना माता शांत होगी, और देश छोड़कर चली जाएगी |
अन्धविश्वास के चलते पूजा कर रही महिला ने बताया कि बिहार के छपरा जिला में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है | वीडियो में एक महिला बता रही है कि उसने एक सपना देखा है जिसमें दो महिलाएं खेत में घास काट रही थीं | उस दौरान एक गाय वहां आई और उसने एक देवी का रूप धारण कर लिया और बोली, आप लोग डरो मत, मैं कोरोना माता हूं | मेरा देश में माता के रूप में प्रचार-प्रसार करो | सोमवार और शुक्रवार को विशेष नियम से मेरी पूजा अर्चना कर मेरा आशीर्वाद ग्रहण करो | मैं शांत होकर खुद चली जाऊंगी | जिसकी वजह से वे सभी पूजा कर रहे हैं |
इतना ही नहीं आसपास के इलाके के किन्नर समाज के रहने वाले लोगो का कहना है कि उन्होंने भी ऐसा ही सपना देखा है, जिसके बाद से वे नाहा धोकर खुले स्थान पर पूजा कर रहे है और गीत गा रहे है |
वैसे इस समय इस अन्धविश्वास भी एक महामारी के रूप में उभर रहा है, इससे बचने के लिए जागरूक होने की जरूरत है |