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मंदिर ने पेश की मिसाल, पहली बार रोजेदारों को इफ्तार के लिए परिसर में बुलाया

ऐसे समय में जब देश में धार्मिक ध्रुवीकरण सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर रहा है और सोशल मीडिया पर नफरत भरे पोस्ट भरे पड़े हैं, गुजरात के एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर ने सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल कायम की है. बनासकांठा में इस बार रमजान में एक अनोखी पहल करते हुए वरंदा वीर महाराज मंदिर के पुजारी पंकज ठाकर ने पहली बार दलवाना के मुस्लिम निवासियों को मंदिर में रमजान का उपवास तोड़ने के लिए आमंत्रित किया. इसके लिए वरंदा वीर महाराज मंदिर में इफ्तार की दावत का आयोजन किया गया. इस इफ्तार की दावत में गांव के कम से कम 100 मुस्लिम निवासियों को रमजान का उपवास तोड़ने के लिए आमंत्रित किया गया.

बनासकांठा जिले के दलवाना गांव में मंदिर ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान मुसलमानों के उपवास तोड़ने के लिए अपना दरवाजा खोल दिया. शुक्रवार को वरंदा वीर महाराज मंदिर ने इफ्तार का आयोजन किया और गांव के कम से कम 100 मुस्लिम निवासियों को अपना रमजान उपवास तोड़ने और फिर मंदिर परिसर में नमाज अदा करने के लिए बुलाया. ये मंदिर लगभग 1200 साल पुराना बताया जाता है और गांव के लोगों के लिए इसका विशेष महत्व है. यह पहली बार था जब दलवाना के मुस्लिम निवासियों को इस तरह के अवसर के लिए आमंत्रित किया गया था. मंदिर के पुजारी पंकज ठाकर ने कहा कि गांव के लोग हमेशा सहअस्तित्व और भाईचारे में विश्वास करते हैं.