चीन (China) भारत के खिलाफ साजिशें करने से बाज नहीं आ रहा है। वह भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए अक्सर कोई न कोई नयी चाल चलने के प्रयास करता रहता है। अब एक बार फिर चीन (China) का चालबाजियां सामने आयी है। चीनी साइबर सैनिकों की एक संदिग्ध टीम ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और कई रक्षा कॉन्ट्रैक्टर्स को निशाना बनाया है। इसकी जानकारी एक साइबर थ्रेट्स इंटेलिजेंस कंपनी ने दी। कंपनी ने खुलासा किया कि चीन की इन चालाकी वाले जासूसी ऑपरेशन्स क कई सबूत भी मौजूद हैं। कंपनी का के मुताबिक चीन के इन अभियानों का संबंध पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के एक विशिष्ट इकाई से है।
यूनाइटेड स्टेट्स के मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले रिकॉर्डेड फ्यूचर(recorded future) की तरफ से ये निष्कर्ष प्रकाशित किये गए थे जिसमें इस साल की शुरुआत में बिजली और बंदरगाह क्षेत्रों में भारत के कुछ अहम बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने वाले चीनी साइबर संचालन के साक्ष्य की सूचना दी थी। इस साल के मार्च महीने में उजागर हुई इस यूनिट को रेडइको कहा गया था, जबकि इस नए समूह की पहचान रेडफॉक्सट्रोट के रूप में की गई है। रिपोर्ट्स पर गौर करें तो रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप ने संदिग्ध चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित समूह की पहचान की जिसे रेडफॉक्सट्रोट (RedFoxtrot) के रूप में ट्रैक किया जा रहा है।
भारतीय संगठनों को टारगेट किया
इस ग्रुप के मुताबिक साल 2020 और 2021 में चीनी साइबर अटैकर ने कई भारतीय संगठनों को टारगेट किया गया था। रिकॉर्डेड फ्यूचर (recorded future) के इंसिक्ट ग्रुप (Insect Group) के एक अधिकारी ने बताया कि भारत के अंदर हमने पिछले 6 महीनों में दो दूरसंचार संगठनों, तीन रक्षा कॉन्टैक्टर्स और कई अतिरिक्त सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के संगठनों को सफलतापूर्वक टारगेट करने वाले समूह की पहचान की है। हालंकि भारत के साइबर सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के अनुरोधों का अभी को जवाब नहीं दिया। गौरतलब हैं कि चीन (China) और चीन (China) से जुड़े साइबर ऑपरेशन को भारत में लगातार खतरे के रूप में देखा जा रहा है।