भारत चीन (Inida and china tension) को हर संभव मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब मुस्तैद नजर आ रहा है। उधर, पीएम मोदी (PM Modi) भी बुधवार के अपने संदेश में साफ कर चुके हैं कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। ऐसा ही वक्तव्य उन्होंने पुलवामा हमले के दौरान भी दिया था, जिसके निष्कर्स से पूरा देश वाकिफ है। संपूर्ण देश में चीन के खिलाफ लोगों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच चुका है। लोग सड़कों पर उतरकर चीन और उसके उत्पादों का सार्वजनिक बहिष्कार कर रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उससे प्रतिशोध लेने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए।
इन सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए अब सरकार चीन को आर्थिक मोर्चे पर शिकस्त देने की तैयारी में जुट चुकी है। लिहाजा सरकार ने चीन के संचार उपकरण के सामानों पर रोक लगाने का फैसला किया है। सभी मोबाइल देयताओं को चीनी उपकरणों को हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि नए सिरे से टेंडर जारी किए जाए और इसमें चीनी कंपनियां कतई हिस्सा न ले पाए। यहीं नहीं, इस दिशा में भारतीय संचार विभाग बीएसएनएल और एमटीएनएल को निर्देश देकर 4G के क्रियान्वयन के लिए किसी भी चीनी उपकरण के इस्तेमाल न करने की बात कही है।
इस दिशा में सरकार ने भारतीय संचार विभाग को निर्देश दिया है कि अभी हाल में जारी किए गए टेंडर को रद्द करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही सभी कंपनियों को नए सिरे से टेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें चीनी कंपनियों को शामिल न करने का सुझाव दिया गया है। ऐसा करके भारत संचार की दिशा में न महज खुद आत्मनिर्भर होगा बल्कि इससे अन्य देशों के प्रति भारत की निर्भरता में कमी आएगी और भारत एक सबल देश बनने की दिशा में अग्रसर होगा। मालूम हो कि भारत सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया, जब सीमा विवाद को लेकर दोनों ही देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। वहीं गत सोमवार को हुई हिंसक झड़प में भारत के भी 20 जवान शहीद हो गए हैं, जिसके बाद पूरे देश में चीन के खिलाफ आक्रोश अपने चरम पर नजर आ रहा है।