ब्रिटिश सांसद डेविड अमीस की हत्या के बाद ब्रिटेन में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर एक बहस छिड़ गई है। ब्रिटेन में 1812 से लेकर अब तक 12 सांसदों की हत्या हो चुकी है। डेविड अमीस की जिस तरह से हत्या की गई, उससे लोगों के दिल दहल गए। सवाल यह उठता है कि ब्रिटेन में सांसदों को किस तरह की सुरक्षा मुहैया है। आखिर कौन है डेविड अमीस। आखिर क्यों हुई उनकी हत्या। क्या है उनका राजनीति करियर।
अमीस को मिली नाइटहुड की उपाधि
द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक अमीस ब्रिटेन में समलैंगिक विवाह और गर्भपात के मुद्दों पर खुलकर और बेहिचक बोला करते थे। वह इसको एक कुप्रथा मानते थे और इसके घोर विरोधी थे। इसके चलते ब्रिटेन में कुछ लोग उनसे काफी खफा थे। उनके खुले विचारों के कारण कुछ लोग उनके घोर विरोधी भी थे। प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की पार्टी के सांसद डेविड अमीस लंबे समय से सांसद थे। उनकी सियासी पारी काफी लंबी है। खास बात यह है कि वह 38 साल तक सांसद रहे, लेकिन उन्हें कभी भी मंत्री नहीं बनाया गया था। 69 वर्षीय अमीस पहली बार 1983 में आम चुनाव में हिस्सा लिए और विजयी हुए। इसके बाद उन्हांने अपने संसदी क्षेत्र में बदलाव किया। 1997 के आम चुनाव में उन्होंने साउथएंड इलाके से चुनाव लड़ा और विजयी हुए।
वह सत्तारूढ़ पार्टी के सबसे लंबे समय तक सांसद रहे। उनकी छवि दक्षिण पंथी और परंपरावादी सांसद के रूप में थी। 1983 में जब वह पहली बार संसद पहुंचे वह मार्गरेट थेचर का दौर था। उनके परिवार में पत्नी के अलावा पांच बच्चे हैं। उनकी एक बेटी कैटी मशहूर माडल है। 2015 में उनको नाइटहुड की उपाधि मिली और नाम के आगे सर लिखा गया। उन्होंने अपना अंतिम चुनाव 14 हजार मतों के अंतर से जीता। अमीस एसेक्स के साउथएंड से सांसद थे, जो ईस्टर्न इंग्लैंड का हिस्सा है।
यूके में सांसदों की सुरक्षा पर उठे सवाल
अमीस की हत्या के बाद ब्रिटेन में सांसदों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। ब्रिटेन में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी जनप्रतिनिधि को निशाना बनाया गया है। वर्ष 2016 में ब्रिटेन की महिला सांसद जोए काक्स की हत्या की गई थी। हालांकि, सांसदों की सुरक्षा को लेकर कुछ वर्ष पूर्व सर लिंडसे होएल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की सिफारिश पर सांसदों को उनके क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा मिलती है। उनके पास पर्सनल अलार्म जैसे तकनीक भी होती है। सांसद चाहे तो अपनी सुरक्षा के लिए अधिक पुलिस की मांग कर सकते हैं। हालांकि, भारत की तरह ब्रिटेन में भी सुरक्षा पर सियासत होती है। ब्रिटेन में कई बार सुरक्षा में भेदभाव के आरोप लगाए गए। सत्तारूढ़ पार्टी पर विपक्ष इस तरह के आरोप लगाता है।