बाराबंकी। सरकार लाख दावा करे कि वह प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को लेकर सजग है। वहीं जिले का सरकारी स्कूल इन दावों की असलियत बताता है। जहां एक साल से प्राथमिक विद्यालय एक बरगद के पेड़ के नीचे चल रहा है। जहां शिक्षा के क्षेत्र में सरकार किताबे ड्रेस माध्यम भोजन छात्रवृत्ति आदि के लिए करोड़ो रुपये भी खर्च करती है, वहीं दारियाबाद शिक्षा क्षेत्र के मरखापुर में विद्यालय नहीं है। यहां पढ़ाने वाले शिक्षक व बच्चे दोनों सरकारी व्यवस्था की मार झेल रहा है।
दरियाबाद शिक्षा क्षेत्र के मरखापुर गांव मे प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से उसकी नीलामी कर दी गई थी। जिसके बाद से यहां के बच्चे एक छत को तरस रहे हैं। उनकी कक्षा वट वृक्ष के नीचे चल रही हैं। बता दें की यहां एक से पांच तक की कक्षाएं संचालित होती है।
जहां अन्य क्षेत्र के विद्यालयों में कायाकल्प योजना के अंतर्गत सीट डेक्स पर बैठकर पढ़ते हैं वहीं इस गांव के बच्चे जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। जानकारी अनुसार इस विद्यालय में 104 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। इस परिस्थिति में बच्चों को पेड़ के नीचे शिक्षा ग्रहण करना मजबूरी बन चुकी हैं। शिक्षक भी एक साथ दो-तीन वर्ग कक्ष के बच्चों को पढ़ाते हैं।
इस विद्यालय में प्रधानआध्यापक पूजा सिंह सहायक अध्यापक अश्वनी कुमार व शिक्षा मित्र पूजा मिश्रा बच्चो को शिक्षा देने का काम करती है। वहां मौजूद शिक्षक अश्वनी कुमार ने बताया बिल्डिंग न होने की वजह से बच्चों को बाहर पेड़ के नीचे पढ़ा रहा हूं।
वहीं प्रधानआध्यापक पूजा सिंह ने बताया बरसात के समय बच्चे इधर-उधर छिपते है। लिखित पत्र भी उच्च अधिकारियों को दिया गया है। विद्यालय का जरूरी सामान ग्रामीणों के घरों में रखकर विद्यालय संचालन करते हैं।
जब इस विषय पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया की इसकी हमें कोई जानकारी नहीं हैं। जब इस विषय पर खण्ड शिक्षा अधिकारी शालनी गुप्ता से सपंर्क करने की कोशिश की गया तो व्यस्तता के कारण उनसे बात नहीं हो सकी।