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बलूचिस्तान में बढ़ी हत्या-अपहरण की घटनाएं, लोगों में नाराजगी, भारी विरोध-प्रदर्शन जारी

पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान (Balochistan) में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन (mass protests) हो रहा है। दरअसल, बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें सामने आया है कि बलूचिस्तान के आबादी वाले इलाकों में हत्याएं और अपहरण की घटनाएं (Murders and kidnapping incidents) कहीं अधिक बढ़ गई हैं। परिषद ने रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं (incidents of human rights violations) में चिंताजनक वृद्धि हुई है। इसी रिपोर्ट के सामने आने के बाद से पूरे प्रांत में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

रिपोर्ट की मानें तो, नवंबर में अपहरण के 65 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें विकलांग, नवविवाहित, छात्र, डॉक्टर, दुकानदार और मजदूर सहित अन्य वर्ग शामिल हैं। वहीं, महीने भर में 39 हत्याएं हुईं। 39 में से 10 लोग तो पहले से ही गायब थे, जिन्हें फर्जी मुठभेड़ों में मौत के घाट उतार दिया गया। बता दें, यह सभी बलूची छात्र थे, जो पहले से ही गायब थे और उन्हें फर्जी मुठभेड़ में सीटीडी ने मार डाला।

पहला मामला:
पहला मामला आठ नवंबर को सामने आया, जब सीटीडी अधिकारियों ने कहा कि खुजदार में कथित गोलीबारी में उन्होंने तीन आंतकियों को मार डाला है और भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों आंतकी नहीं थे-
पहला मृतक: आफताब सुमलानी (11 अगस्त को हजारगंजी क्वेटा से गायब हो गया था)।
दूसरा मृतक: अबदुल्ला (दो साल पहले पाकिस्तानी बलों ने हिरासत में लिया और बाद में अबदुल्ला गायब हो गया)।
तीसरा मृतक: हमजा (इसे भी गायब कर लिया गया था)।

दूसरा मामला:
आठ नवंबर के बाद 19 नवंबर को पुलिस तीन और शव लेकर होशाप पुलिस स्टेशन पहुंची। पुलिस ने दावा किया कि एक कार विस्फोट में तीनों की मौत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, तीनों पीड़ितों का नाम
नबी बख्श
आदिल एस्सा
शहजान एस्सा
(तीनों छात्र हैं। तीनों को 22 अगस्त को अगवा कर लिया गया था)

तीसरा मामला:
23 नवंबर को सीटीडी ने चार शवों को टीचिंग अस्पताल पहुंचाया। सीटीडी के अनुसार, उनकी मौत बनुक चदाही पसनी रोड पर एक मुठभेड़ में हो गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, चारों पीड़ित छात्र, जिन्हें अगवा कर लिया गया था-
बालाच
सैफ
नूर जान
मुबारक
(चारों बच्चों को अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगहों से अगवा किया गया था)